उन्होंने बताया कि आत्महत्या के कारणों और उनकी रोकथाम के लिए मध्यप्रदेश में शोध किया गया है। इसके लिए एक टास्टफोर्स बनाई गई है। इसमें मुंबई के मनोचिकित्सक हरीश शेट्टी, ऋषिकेश बेहरे, सत्यकांत त्रिवेदी, एनएलयू के वाइस चांसलर विजय कुमार, राम गुलाम राजदान,एम्स के बिजेन्द्र सिंह, मनो चिकित्सक आरएन साहू, डीके सत्पथी, राहुल रोकड़े, जेपी अग्रवाल जैसे विशेषज्ञों, चिकित्सकोें और अन्य लोगों को शामिल किया गया है।
टास्कफोर्स की बैठक में आज आत्महत्या के कारणों, इसको लेकर क्या चैलेंज है। सरकार और समाज से जुड़े पहलुओं पर विचार किया गया। इसके लिए जनजागरण एक बड़ा पहलू है। मेंटल हेल्थ पर विस्तृत कार्ययोजना बनाई गई है।
छह सबकमेटी भी बनाई गई है जो आत्महत्या की रोकथाम के हर पहलू पर विचार कर टास्कफोर्स को दो माह के भीतर अपनी अनुशंसा करेगी। यह समितियां विभिन्न वर्गो के साथ समन्वय कर काम करेगी। स्कूल और कॉलेज के बच्चों में आत्महत्या की प्रवृति रोकने लिए कदम उठाए जाएंगे।