भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के प्रदेश अध्यक्ष रवि भगत के दुर्ग जिला प्रवास कार्यक्रम में जमकर लात-घूंसे चले। यह विवाद कुम्हारी में स्वागत कार्यक्रम के दौरान हुआ। यहां के दो दिग्गज भाजपा नेता रवि भगत को अपनी गाड़ी में बिठाने के नाम पर लड़ पड़े। भगत तो उनकी गाड़ी में नहीं बैठे, लेकिन दोनों के बीच इतना लात-घूंसा चला कि पुलिस को काउंटर एफआईआर दर्ज करनी पड़ी।
भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष रवि भगत के प्रथम दुर्ग जिला आगमन को लेकर कुम्हारी से लेकर दुर्ग तक जगह-जगह स्वागत की तैयारी की गई थी। रवि भगत मंगलवार दोपहर 1.15 बजे के करीब रायपुर से चलकर दुर्ग के लिए निकले थे। जैसे ही वो कुम्हारी टोल प्लाजा क्रॉस किए वहां भाजयुमो कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने उनका जमकर स्वागत किया।
भाजयुमो से कुम्हारी के प्रभारी आशीष शुक्ला और भाजपा नेता राकेश पांडेय के पुत्र गौरव पांडेय भी स्वागत करने पहुंचे थे। दोनों ने रवि भगत को अपनी गाड़ी में बैठने के लिए कहा। इस बात को लेकर दोनों लोग झगड़ा करने लगे। यह देख रवि भगत ने दोनों की गाड़ियों में बैठने से मना किया और आगे चलने लगे। इधर दोनों नेता आशीष शुक्ला और गौरव पाण्डेय प्रदेश अध्यक्ष के सामने ही एक दूसरे को गाली गलौज करने। देखते ही देखते दोनों गुटों भिड़ंत हो गई और अध्यक्ष के सामने ही लात घूसे चलने लगे। किसी तरह मामला शांत हुआ इसके बाद अध्यक्ष का काफिला आगे बढ़ा।
कुम्हारी पुलिस ने दोनों पक्षों के खिलाफ दर्ज किया काउंटर अपराध
कुम्हारी
पुलिस ने सीनियर एमआईजी-167 महामाया रोड कुम्हारी निवासी सुमित द्विवेदी,
राकेश पाण्डेय, गौरव पाण्डेय व अन्य सहित दूसरे पक्ष से शुक्ला टिम्बर
मार्ट कुम्हारी अहिवारा रोड निवासी आशीष शुक्ला, आशीष परगनिया, कौशल सिंह व
अन्य के खिलाफ मारपीट की धाराओं के साथ काउंटर अपराध दर्ज किया है।
अध्यक्ष को बैलगाड़ी में बैठाकर किया स्वागत
भारतीय
जनता युवा मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष का स्वागत भाजयुमो कार्यकर्ताओं ने
छत्तीसगढ़िया कलेवर में सुपेला चौक में किया। यहां राउत नाचा किया गया।
अध्यक्ष को बैल गाड़ी में बैठा कर स्वागत किया गया। राहुल परिहार, रोहन
सिंह, मयंक गुप्ता और सन्नी यादव द्वारा किए गए इस अनोखे स्वागत की रवि भगत
ने काफी प्रशंसा की।
सुपेला मंडल के नेता भी आपस में भिड़े
जिस
समय रवि भागत का सुपेला में स्वागत किया जा रहा था उस दौरान सुपेला मंडल
के भाजपा नेताओं ने आपस में झगड़ा शुरू कर दिया। इस झगड़े को किसी तरह शांत
कराया गया। दोनों नेताओं को समझाया गया कि ऐसे मौके पर विवाद बढ़ेगा तो
पार्टी की किरकिरी होगी। इसके बाद इस मामले को थाने नहीं जाने दिया गया और
वहीं दबा दिया गया।