ईरान में हिजाब विरोधी प्रदर्शन पर क्या बोले?
पोप से यह भी पूछा गया कि क्या वह ईरान में 22 वर्षीय महसा अमिनी की हिरासत
में मौत के बाद हो रहे विरोध प्रदर्शन का समर्थन करते हैं? जबकि अमिनी को
मॉरल पुलिस ने महिलाओं के लिए देश के सख्त ड्रेस कोड का उल्लंघन करने के
बाद हिरासत में लिया था। फ्रांसिस ने सीधे तौर पर इसका कोई जवाब नहीं दिया।
हालांकि, उन्होंने इस बात की निंदा की कि दुनिया भर की कई संस्कृतियों में
महिलाओं को दूसरे दर्जे का नागरिक या इससे भी बदतर माना जाता है। उन्होंने
कहा कि हमें इससे लड़ना जारी रखना होगा क्योंकि महिलाएं एक उपहार हैं।
महिलाएं के अधिकार को लेकर फ्रांसिस ने उठाए कई कदम
गौरतलब है कि चर्च में महिलाओं को निर्णय लेने की अधिक भूमिकाएं देने को
लेकर फ्रांसिस ने किसी भी पोप से अधिक काम किया है। उन्होंने कई महिलाओं को
प्रमुख अहम पदों पर नियुक्त किया है, जिसमें वेटिकन सिटी राज्य प्रशासन
में नंबर 2 के साथ-साथ कई अन्य हाई-रैंकिंग मैनेजमेंट भूमिकाएं शामिल हैं।
उन्होंने आम महिलाओं और धार्मिक सिस्टर्स को भी वेटिकन ऑफिस में सलाहकार के
तौर पर नामित किया है, जहां पुरुष पादरियों का वर्चस्व देखने को मिलता रहा
है।