पाकिस्तान में राजनीतिक स्थिरता, आर्थिक बदहाली और चरमपंथ तो चरम पर है ही। वह दुनिया का ऐसा सबसे बदतर देश भी है, जहां सामूहिक हत्या (लिंचिंग) किए जाने का जोखिम सबसे ज्यादा है। ऐसी वारदातें ईश निंदा के नाम पर आतंकी संगठनों द्वारा अंजाम दी जा रही हैं।
अर्ली वार्निंग प्रोजेक्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह जोखिम आतंकी संगठन तालिबान से जुड़े संगठनों की मौजूदगी के कारण भी है। पाकिस्तान का पड़ोसी और तालिबान शासन वाला अफगानिस्तान इस सूची में सातवें नंबर पर है। वहां भी तालिबान के कब्जा करने के बाद मस्जिदों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर हत्याएं हो रही हैं। टारगेटेड किलिंग बढ़ी हैं, लेकिन पाकिस्तान की तुलना में लिंचिंग की घटनाएं हैं।
शोध संगठन अर्ली वार्निंग प्रोजेक्ट ने रिपोर्ट में कहा है कि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP), इस्लामिक स्टेट और स्थानीय गुटों के चलते पाकिस्तान में भीड़ के रूप में हिंसा के मामले बढ़ रहे हैं। ऐसे में कई स्तरों पर सुरक्षा की चुनौतियां चरम पर हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान में ईशनिंदा कानून की आड़ में आतंकी संगठन IS लगातार हमलों की धमकी देता आया है।
इस कारण धार्मिक अल्पसंख्यकों को बड़े पैमाने पर भीड़ के रूप में अपराधियों द्वारा निशाना बनाए जाने की घटनाएं पाकिस्तान में सबसे ज्यादा हुई हैं। ये अध्ययन TTP द्वारा पाक सरकार के साथ जून से से चल रहे संघर्षविराम समझौता खत्म करने, हमले करने घोषणा के बाद हुआ है।
बाइडेन पाक को बता चुके खतरनाक
अमेरिकी
राष्ट्रपति जो बाइडेन पाकिस्तान को दुनिया का सबसे खतरनाक देश बता चुके
हैं। उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान के पास बिना किसी निगरानी के परमाणु
हथियार हैं। मौजूदा वक्त में चीन के पास 320 और पाकिस्तान के पास 160
परमाणु हथियार हैं।
75 लोगों को केस के दौरान भीड़ ने मारा