ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने इलॉन मस्क के सरकार पर किए गए हमलों का जवाब दिया है। स्टार्मर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मस्क का नाम लिए बिना कहा कि जो लोग झूठ और गलत सूचनाओं को फैला रहे हैं, उन्हें पीड़ितों में कोई दिलचस्पी नहीं है। उन्हें सिर्फ खुद में दिलचस्पी है।
PM स्टार्मर ने कहा कि वे 2008 से 2013 के बीच प्रॉसिक्यूशन सर्विस के डायरेक्टर थे तभी ग्रूमिंग गैंग के खिलाफ पहला मामला दर्ज किया गया था। स्टार्मर ने कहा कि उन्होंने जिस भी मामले को हाथ में लिया, वह अदालत तक पहुंचा और उसमें पर्याप्त कार्रवाई हुई।
हाल ही में इलॉन मस्क ने लेबर पार्टी की सरकार पर चाइल्ड ग्रूमिंग गैंग्स मामले में ब्रिटिश पीएम के साथ-साथ लेबर सरकार को घेरा था। उन्होंने कहा कि स्टार्मर जांच कर रही समिति के अध्यक्ष थे लेकिन फिर भी उन्होंने आरोपियों के खिलाफ केस चलाने की मंजूरी नहीं थी।
मस्क ने कहा कि अब पीएम के रूप में भी स्टार्मर पर्दा डाल रहे हैं। उन्होंने ब्रिटेन के राजा किंग चार्ल्स से भी स्टार्मर को बर्खास्त करने की अपील की। इस बीच सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में मस्क ने स्टार्मर को जेल भेजने की भी मांग की।
खुद ही पीड़िताएं सामने आईं, पाकिस्तानी ग्रूमिंग गैंग का खुलासा किया
साल 2022 में कुछ पीड़िताएं खुद सामने आईं और अपने साथ हुए अत्याचारों के बारे में दुनिया को बताया। इसमें बताया गया कि पाकिस्तानी मूल के लोगों के एक गिरोह ने नाबालिग लड़कियों को ड्रग्स, पैसे अथवा ब्रेन वॉश करके फंसाया और उनका दुष्कर्म किया।
इसके बाद देश प्रो. एलेक्स जे की कमेटी का गठन किया गया। कमेटी ने पाया कि 1997 से 2013 के बीच 1400 से ज्यादा लड़कियों का यौन शोषण किया गया। आरोपियों में सबसे ज्यादा पाकिस्तानी मूल के लोग थे।
ज्यादातर लड़कियों को एक संगठित गैंग ने बहला-फुसलाकर शिकार बनाया और उनकी तस्करी कर दी गई थी। सबसे पहला मामला रॉदरहैम शहर का था। इसके बाद जांच करने पर उत्तरी इंग्लैंड के कई शहरों में इसी तरह के और भी मामले सामने आए। कमेटी की रिपोर्ट में दोषी पाकिस्तानी लोगों पर कार्रवाई की सिफारिश की गई।
अपराध की इन घटनाओं को रॉदरहैम स्कैंडल नाम दिया गया। बाद में इसे पाकिस्तानी ग्रूमिंग रेप गैंग भी कहा गया। यानी पाकिस्तानी युवा इन्हें साजिश के तहत फंसाते हैं। कुछ मामलों में लड़कियों की ट्रैफिकिंग भी यूरोपीय देशों को होती थी।
लेबर पार्टी ने खुद जांच कराने से इनकार किया
यह मामला अक्टूबर में उस वक्त सुर्खियों में आया था जब लेबर सरकार में मंत्री जेस फिलिप्स ने इंग्लैंड के ओल्डम काउंसिल के उस आग्रह को ठुकरा दिया था जिसमें सरकार से बच्चों के कथित तौर पर ऐतिहासिक रूप से हो रहे यौन शोषण की जांच कराने की मांग की गई थी। उन्होंने कहा था कि काउंसिल को ही यह काम अपने हाथ में लेना चाहिए।
इससे ब्रिटिश सियासत गरमा गई। स्टार्मर पर पाकिस्तानी प्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने के आरोप लगने लगे। कंजरवेटिव नेता केमी बेडनॉच ने आरोप लगाया कि स्टार्मर वोट बैंक की राजनीति के कारण कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।