ईरान की राजधानी तेहरान में एक जेल में भीषण आग लग गई, जहां राजनीतिक
कैदियों और सरकार विरोधी कार्यकर्ताओं को रखा गया है। ऑनलाइन वीडियो और
स्थानीय मीडिया के अनुसार, जेल से गोलियां चलने की आवाज भी सुनाई दी। महसा
अमीनी नामक 22 वर्षीय युवती की पुलिस की हिरासत में मौत के बाद देशभर में
पिछले 5 सप्ताह से विरोध प्रदर्शन का सिलसिला जारी है। बताया जाता है कि
अमीनी को बुर्का ठीक से न पहनने की वजह से हिरासत में लिया गया था।
ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी 'इरना' ने सुरक्षा अधिकारी के हवाले से बताया कि एक वार्ड में कैदियों और जेल कर्मियों के बीच झड़पें हुईं। अधिकारी ने कहा कि कैदियों ने जेल की वर्दी से भरे एक गोदाम में आग लगा दी। उन्होंने कहा कि संघर्ष को खत्म करने के लिए 'दंगाइयों' को अन्य कैदियों से अलग कर दिया गया था। अधिकारी ने बताया कि स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है और दमकलकर्मी आग पर काबू पाने का प्रयास रहे हैं।
बाद में, तेहरान के अभियोजक अली सालेही ने कहा कि जेल में शांति
बहाल हो गई और अशांति का उन विरोध प्रदर्शनों से कोई लेना-देना नहीं था, जो
चार सप्ताह तक देश में होते रहे। ऑनलाइन वीडियो में आग के फुटेज में
अलार्म बजने के बीच आसमान में धुएं के गुबार उठते दिख रहे हैं और गोली चलने
की आवाज सुनाई दे रही है। इसके तुरंत बाद सड़क पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो
गए, जिसमें लोगों ने 'तानाशाह की मौत!' के नारे लगाए और टायर जलाए। तानाशाह
से उनका तात्पर्य ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को लेकर
था।
प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि पुलिस ने एविन जेल की ओर जाने वाली सड़कों और राजमार्गों को अवरुद्ध कर दिया और क्षेत्र से 3 धमाकों की आवाज सुनी गई। राजधानी के उत्तर में स्थित जेल के पास प्रमुख मार्गों पर यातायात अधिक था। कई लोगों ने विरोध के साथ अपनी एकजुटता दिखाने के लिए अपने वाहनों के हॉर्न बजाए। दंगा रोधी पुलिस, एम्बुलेंस और दमकल वाहनों को जेल की ओर जाते देखा गया। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि इलाके में इंटरनेट बंद कर दिया गया था।
ईरान में अमेरिका स्थित 'सेंटर फॉर ह्यूमन राइट्स' ने बताया कि जेल की दीवारों के भीतर सशस्त्र संघर्ष छिड़ गया और सबसे पहले जेल के वार्ड नंबर 7 में गोलियों की आवाज सुनी गई। हालांकि इस दावे की तुरंत पुष्टि नहीं किया जा सकती। प्रदर्शनकारियों ने शनिवार को ईरान के कुछ शहरों में मुख्य सड़कों और विश्वविद्यालयों में सरकार विरोधी प्रदर्शन तेज कर दिए। मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने बच्चों सहित सैकड़ों लोगों की मौत का दावा किया है। प्रदर्शनकारियों ने देश के उत्तर-पश्चिम में अर्दबील की सड़कों पर 'तानाशाह, सत्ता छोड़ो' के नारे भी लगाए।