अंकारा: तुर्की में आए महाविनाशकारी भूकंप में अब तक 45 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है और लाखों लोग बेघर हो गए हैं। भारत ने तुर्की की मदद के लिए 'ऑपनेशन दोस्त' चलाया और राहत सामग्री की मदद से लेकर बचाव अभियान तक चलाया। भारत की इस दरियादिली का जवाब पाकिस्तान प्रेमी तुर्की ने संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर का मुद्दा उठाकर दिया। यही नहीं तुर्की ने संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार परिषद में भारत की न केवल आलोचना की बल्कि पाकिस्तान की तारीफ की। भारत ने तुर्की के पीठ में छुरा घोपने की न केवल आलोचना की है, बल्कि उसे करारा जवाब भी दिया है। वहीं विशेषज्ञ भारत को सलाह दे रहे हैं कि नई दिल्ली को मध्य एशियाई देश आर्मीनिया की और खुलकर मदद करनी चाहिए जो पाकिस्तान, अजरबैजान और तुर्की के गठजोड़ का डटकर सामना कर रहा है।
रक्षा विश्लेषक सौरव झा कहते हैं, 'भारत को आर्मीनिया को घातक हथियारों से लैस करना चाहिए। इस बात की बहुत ज्यादा संभावना है कि आर्मीनिया के खिलाफ अजरबैजान, तुर्की और पाकिस्तान का अभियान केवल नगर्नो-कराबाख तक सीमित नहीं रहेगा। यह बहुत ही खराब हालत में पहुंच सकता है।' सौरव कहते हैं कि आर्मीनिया को भारत ने स्वाती हथियार खोज रेडॉर की आपूर्ति की थी। आर्मीनिया को अब पिनाका मल्टी बैरल रॉकेट सिस्टम और ट्रक के जरिए ले जाए जाने वाले होवित्जर तोप दिया जा रहा है। आने वाले समय में भारत की ओर से और ज्यादा घातक हथियारों की आपूर्ति की जा सकती है।
आर्मीनिया को पिनाका लेकर गोला-बारूद दे रहा भारत
दरअसल, भारत और आर्मीनिया के बीच हथियारों का सौदा बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है। भारत और आर्मीनिया ने हाल ही में 15 करोड़ 50 लाख डॉलर की तोपों की डील हुई है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह भारत की अजरबैजान की आपत्ति के बाद भी आर्मीनिया को रक्षा मदद जारी रखने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। भारत आर्मीनिया को पिनाका रॉकेट सिस्टम, एंटी टैंक गोले और कई तरह के घातक गोला बारूद की सप्लाइ कर रहा है। इस तरह से आर्मीनिया भारत में निर्मित पिनाका का पहला अंतरराष्ट्रीय ग्राहक बन गया है।
एक तरफ जहां तुर्की अजरबैजान की सेना को ड्रोन से लेकर घातक हथियारों की आपूर्ति कर रहा है, वहीं अब भारत आर्मीनिया के साथ खुलकर खड़ा हो गया है। इससे आर्मीनिया के खिलाफ अजरबैजान, तुर्की और पाकिस्तान की नापाक चाल को करारा जवाब मिलने जा रहा है। पिछले साल भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आर्मीनिया की यात्रा की थी। भारत न केवल आर्मीनिया के साथ अपने रिश्ते मजबूत कर रहा है, बल्कि ग्रीस के साथ भी अपनी दोस्ती को मजबूत कर रहा है। ग्रीस के साथ तुर्की का पुराना विवाद चल रहा है और दोनों ही सेनाएं अक्सर आमने-सामने आती रहती हैं।
भारत-ग्रीस दोस्ती से बढ़ेगी एर्दोगान की टेंशन
परमाणु हथियारों से लैस पाकिस्तान और तुर्की के बीच बढ़ती दोस्ती को करारा जवाब देने के लिए ग्रीस भारत के साथ सुरक्षा गठजोड़ बनाने पर जोर दे रहा है। तुर्की रूस से एस-400 सिस्टम खरीद चुका है जिससे ग्रीस टेंशन में है। ग्रीस इसके जवाब में फ्रांस से राफेल फाइटर जेट खरीद रहा है जो भारत भी इस्तेमाल करता है। भारत एस-400 के साथ अपने अनुभवों को ग्रीस के साथ साझा कर सकता है, इससे उसे तुर्की के खतरे से निपटने में आसानी होगी।