10वीं व 12वीं की परीक्षा 25 फरवरी से शुरू होने वाली है। इस बार परीक्षा में नकल पर रोक और प्रश्नपत्र को लीक होने बचाने के लिए बोर्ड ने नियमों में कई बदलाव किए हैं। एक बदलाव केंद्राध्यक्ष और सहायक केंद्राध्यक्ष की चयन प्रक्रिया में भी हुआ है। बताया जा रहा है कि अब माशिमं द्वारा निर्धारित परीक्षा केंद्रों पर केंद्राध्यक्ष एवं सहायक केंद्राध्यक्षों की नियुक्ति विकासखण्ड स्तर पर नही होगी।
अब केंद्राध्यक्ष और सहायक केंद्राध्यक्ष बनाने के योग्य लोगों की एक जिला स्तरीय सूची तैयार होगी। जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित एक समिति इसका अनुमोदन कर देती है तो जिला शिक्षा अधिकारी इस सूची को जिला सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) भेजेंगे। वहां पहले से मौजूद केंद्रों की सूची के साथ इस सूची को भी विशेष सॉफ्टवेयर में डाला जाएगा।
वह सॉफ्टवेयर रैंडम पद्धति से किसी शिक्षक का नाम जिले के किसी केंद्र के साथ केंद्राध्यक्ष या सहायक केंद्राध्यक्ष के तौर पर जोड़ देगा। अधिकारियों का कहना है कि इस प्रक्रिया से किसी खास केंद्र के लिए होने वाला जोड़तोड़ खत्म होगा। पिछली परीक्षाओं में यह बार-बार देखने में आता था कि लोग परीक्षा के दिन तक सुविधाजनक केंद्र या नजदीक आने के लिए अफसरों से जुगाड़ लगाते रहते थे।
बोर्ड ने साफ कह दिया है कि जिनके बच्चे परीक्षा दे रहे होंगे,उन्हें पर्यवेक्षक नया केंद्राध्यक्ष हीं बनाया जाएगा। गंभीर बीमारी से पीड़ित को भी परीक्षा कार्य में नहीं लगाया जाएगा। साथ ही उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के शिक्षकों को उनके विषयों के प्रश्नपत्रों में पर्यवेक्षक के रूप में ड्यूटी नहीं लगाई जाएगी।
पिछले वर्षों की परीक्षा में जिन परीक्षा केंद्रों पर सामूहिक नकल की घटना हुई है तो ऐसे परीक्षा केंद्रों पर उस समय नियुक्त केंद्रोध्यक्ष को इस वर्ष की परीक्षा में केंद्राध्यक्ष नहीं बनाया जाएगा। गोपनीयता भंग करने या परीक्षा कार्य में घोर लापरवाही बरतने वाले केंद्राध्यक्ष, सहायक केंद्राध्यक्ष, शिक्षक या अन्य कर्मचारी को ड्यूटी पर नहीं लगाने का निर्देश हुआ है। वहीं मंडल परीक्षा कार्य से डिबार किए गए शिक्षकों या प्राचार्यों को अपात्र कर दिया गया है।