इससे पहले रैली का शुभारंभ डॉक्टर वीरेन्द्र वाढेर व डॉक्टर वी. रंगराजन ने हरी झंडी दिखाकर किया। आॅक्सीजोन में राष्ट्रीय योग संस्थान, जेसीआई महिला विंग व थैलेसीमिया सिविल सोसायटी के सदस्यों को दांत से जुड़ी विभिन्न बीमारियों व निदान के उपायों से अवगत कराया गया। जनजागरूकता रैली का समापन शासकीय डेंटल कॉलेज में हुआ। रैली में छत्तीसगढ़ राज्य शाखा के अध्यक्ष डॉ. नीरज कुमार चंद्राकर, डॉ. दीपेश गुप्ता, नितिन वैद्य, रवि मलिक भी शामिल थे।
वहीं आज के समापन सत्र में कोच्चि से आए प्रसिद्ध के्रनियोफेशियल सर्जन डॉ. प्रमोद सुभाष ने बताया कि यदि कन्जवेर्टी तरीके से जबड़ों का इलाज न हो सके तो सर्जरी से किस प्रकार संभव हैं, उन्होने उन अत्याधुनिक विधियों जो कि आर्टिफिशियल ज्वाइंट रिफ्लेसमेंट जैसा है कैसे उपचार किया जा सकता है जानकारी दी। सामूहिक खुली चर्चा भी वर्कशॉप में हुई जिसमें छत्तीसगढ़ के डॉक्टरों ने अब तक जो दांत के उपचार किए हैं उसमें और क्या संभावना बन सकती थी, जानकारी साझा किया गया। डॉक्टर हरनीत सिंह ने मॉडल में ज्वाइंट का इलाज कैसे करना है बताया, उपस्थित सदस्यों ने यहां भी सवाल किए। जैसे कि मालूम हो इंडियन प्रास्थोडाटिक्स सोसायटी छत्तीसगढ़ राज्य शाखा द्वारा राज्य के शासकीय व सभी निजी दंत चिकित्सा महाविद्यालय के सहयोग से जबड़े के जोड़ों के दर्द व उससे जुड़ी अन्य बीमारियों के संदर्भ में दो दिनी वर्कशाप का आयोजन किया था। समापन अवसर पर डॉ. नीरज चंद्राकर व डॉ. गौरव त्रिपाठी ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए बाहर से आए डाक्टरों व अन्य सहयोगियों को स्मृति चिन्ह भेंट किया।