इस्लामाबाद: तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के हमलों को लेकर पाकिस्तानी सेना बौखलाई हुई है। हाल में ही झोब में टीटीपी के आतंकवादियों ने हमला कर पाकिस्तानी सेना के नौ जवानों को मौत के घाट उतार दिया था। उसके बाद पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने अफगानिस्तान में टीटीपी की मौजूदगी को लेकर तालिबान को धमकी दी है। उन्होंने कहा कि हालिया आतंकवादी हमलों पर पाकिस्तान से प्रभावी प्रतिक्रिया मिलेगी। जनरल मुनीर ने यह धमकी क्वेटा गैरीसन के दौरे के बाद दिया। इस दौरान उन्हें झोब में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले के बारे में जानकारी दी गई।
जनरल मुनीर ने तालिबान को दी धमकी
पाकिस्तानी सेना की प्रॉपगैंडा विंग इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) ने एक बयान जारी कर कहा कि सेना प्रमुख ने अफगानिस्तान में टीटीपी के सुरक्षित पनाहगाहों पर गंभीर चिंता व्यक्त की। बयान में कहा गया है कि पाकिस्तान के सशस्त्र बलों को अफगानिस्तान में टीटीपी के लिए उपलब्ध सुरक्षित पनाहगाहों और कार्रवाई की स्वतंत्रता पर गंभीर चिंता है। सेना प्रमुख के हवाले से कहा गया है कि उम्मीद है कि अंतरिम अफगान सरकार वास्तविक अर्थों में और दोहा समझौते में की गई प्रतिबद्धताओं के अनुरूप, किसी भी देश के खिलाफ आतंक फैलाने के लिए अपनी धरती का उपयोग करने की अनुमति नहीं देगी।
अफगान नागरिकों की संलिप्तता पर जताई चिंता
जनरल मुनीर ने खुलासा किया कि पाकिस्तान में हालिया आतंकवादी कृत्यों में अफगान नागरिक शामिल थे। सेना प्रमुख ने कहा कि पाकिस्तान में आतंकवादी कृत्यों में अफगान नागरिकों की संलिप्तता एक और महत्वपूर्ण चिंता है जिस पर ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसे हमले असहनीय हैं और पाकिस्तान के सुरक्षा बलों की ओर से प्रभावी प्रतिक्रिया दी जाएगी। उन्होंने आगे कहा कि आतंकवादियों के खिलाफ अभियान निरंतर जारी रहेगा और सशस्त्र बल तब तक चैन से नहीं बैठेंगे जब तक देश से आतंकवाद का खतरा जड़ से खत्म नहीं हो जाता।
तालिबान बोला- यह पाकिस्तान का मामला
अफगान तालिबान के प्रवक्ता ने एक हालिया बयान में दावा किया कि अफगानिस्तान की अंतरिम सरकार अपनी धरती का इस्तेमाल किसी भी देश के खिलाफ नहीं करने दे रही है। प्रवक्ता ने कहा कि टीटीपी पाकिस्तान के लिए एक समस्या है जिससे उसे खुद निपटना होगा। टीटीपी पाकिस्तान और अफगान तालिबान के बीच एक विवादित मुद्दा बन गया है। प्रयासों के बावजूद, दोनों पक्ष इस मुद्दे से निपटने के लिए कोई हल नहीं ढूंढ सके हैं। पाकिस्तान का दावा है कि तालिबान के नेतृत्व वाली सरकार टीटीपी के खिलाफ कार्रवाई नहीं करना चाहती है। पाकिस्तान का मानना है कि टीटीपी और उनका शीर्ष नेतृत्व अफगानिस्तान में बेख़ौफ़ होकर काम कर रहा है।
टीटीपी के हमलों से परेशान है पाकिस्तान
अगस्त 2021 में सत्ता संभालने के बाद अफगान तालिबान ने पाकिस्तान और टीटीपी के बीच एक समझौता कराने की कोशिश की। शुरुआत में बातचीत में प्रगति हुई क्योंकि टीटीपी ने पाकिस्तान द्वारा कुछ आतंकवादियों को रिहा करने के बदले में युद्धविराम की घोषणा की। इस्लामाबाद ने विश्वास बहाली उपाय के तहत सैकड़ों टीटीपी लड़ाकों को लौटने की अनुमति भी दी। हालांकि, यह कदम तुरंत उल्टा पड़ गया क्योंकि लौटते हुए आतंकवादियों ने सुरक्षा बलों को निशाना बनाना शुरू कर दिया। टीटीपी ने पिछले साल नवंबर में जीएचक्यू में नए सेनाध्यक्ष के पद संभालने से एक दिन पहले युद्धविराम रद्द कर दिया था।