राजधानी के जेपी हॉस्पिटल की लिफ्ट में दो बच्चे करीब आधे घंटे तक फंसे रहे। लोगों को लिफ्ट के भीतर से बच्चों के रोने और चिल्लाने की आवाज आई। इसके बाद अस्पताल प्रबंधन को सूचना दी गई। टेक्नीशियन को बुलाकर बच्चों को बाहर निकाला गया। घटना सोमवार शाम अस्पताल की है। अस्पताल अधीक्षक ने जांच के आदेश देते हुए दोषियों पर कार्रवाई की बात कही है।
बच्चे जब फंसे तब नहीं था लिफ्ट ऑपरेटर
जानकारी
के मुताबिक शाम करीब 5 बजे आठ से दस साल की उम्र के दो बच्चे अस्पताल
परिसर में खेलते हुए लिफ्ट में चले गए। बटन दबते ही लिफ्ट बंद हो गई। लिफ्ट
का दरवाजा नहीं खुलने पर बच्चे चिल्लाने लगे। रोते-चिल्लाते बच्चों की
आवाज बाहर खड़े लोगों ने निकालने का प्रयास किया, लेकिन वे सफल नहीं हुए।
लोगों का कहना है कि उस समय वहां कोई लिफ्टमैन नहीं था। अस्पताल प्रबंधन तक
सूचना पहुंचाई गई। करीब 15 मिनट खोजने के बाद लिफ्टमैन नजर आया। आधे घंटे
तक बच्चे भीतर फंसे रहे। मामले की जानकारी मिलने के बाद पूर्व विधायक पीसी
शर्मा ने अस्पताल पहुंचे।
जेपी में पहले भी होती रही हैं ऐसी लापरवाहियां
बीते
2 अप्रैल को जय प्रकाश जिला अस्पताल के टायलेट में एक युवती का शव मिला
था। मृतका एक दिन पहले ही पेट में गांठ का इलाज कराने अस्पताल में भर्ती
हुई थी। अस्पताल प्रबंधन ने हार्ट अटैक से मौत होने की आशंका व्यक्त की थी।
कई घंटों तक शव शौचालय में पड़ा रहने के बावजूद किसी कर्मचारी ने उस तरफ
ध्यान नहीं दिया था। रिश्तेदार ने शौचालय में देखा तो वह मृत मिली।
टॉयलेट में मिला था होमगार्ड जवान का शव
बीते साल मार्च में होमगार्ड जवान पुष्पेन्द्र सिंह गौतम का शव जेपी हॉस्पिटल के कोविड वार्ड के टॉयलेट में मिला था। 24 घंटे बाद खोजबीन के बाद जवान का शव टॉयलेट में मिलने के बाद प्रबंधन पर परिजनों ने गंभीर आरोप लगाए थे।
लिफ्ट चार महीनों से बंद
जेपी
हॉस्पिटल की लिफ्ट चार महीनों से ठप पड़ी हैं। अस्पताल प्रबंधन की माने तो
पीडब्ल्यूडी ने लिफ्ट मैंटेनेंस का टेंडर नहीं किया। पीडब्ल्यूडी के अफसरों
ने तर्क दिया कि पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव की आचार संहिता के कारण
टेंडर नहीं हो पाया। इस वजह से प्रसूताओं और गंभीर मरीजों को सीढ़ियों के
सहारे ऊपरी मंजिल तक जाना पड़ रहा है।
प्रबंधन को पता नहीं कौन है बच्चे
पूरा
मामला होने के बावजूद अस्पताल प्रबंधन यह पता नहीं कर पाया कि बच्चे कौन
थे। अस्पताल प्रबंधन का मानना है कि बच्चे बाहर कहीं खेलते हुए आए होंगे।
लिफ्ट का दरवाजा खुलते ही वे भाग गए। अस्पताल अधीक्षक डॉ. राकेश श्रीवास्तव
ने मामले की जांच के निर्देश दिए हैं।