नई दिल्ली: बजट 2023 पेश होने के बाद से ही बजट पर कम और अडानी ग्रुप पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट की अधिक चर्चा हो रही है। विपक्षी दल खासकर कांग्रेस की ओर से सरकार पर निशाना साधा जा रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार कहा कि पीएम मोदी संसद में चर्चा नहीं होने देना चाहते। वहीं इस मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी से जब सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि जवाब तो कांग्रेस को ही देना है। अशोक गहलोत पर कार्रवाई क्यों नहीं करते। यूपीए के शासनकाल में क्यों लोन दिया गया। इसके साथ ही कांग्रेस उनको क्यों निशाना बना रही है इस सवाल का भी जवाब दिया। स्मृति ईरानी ने कहा कि इतिहास में जो कभी नहीं हुआ वह पिछले चुनाव में हुआ है तो जाहिर सी बात है ऐसा होगा ही। स्मृति ईरानी ने इस बार के बजट पर भी अपनी बात रखी।एक न्यूज चैनल के कार्यक्रम में शामिल केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी से जब यह पूछा गया कि आपके पुराने बयानों को निकालकर कांग्रेस पार्टी आपके ऊपर निशाना साध रही है, ऐसा क्यों। इसके जवाब में स्मृति ईरानी ने कहा कि देश के इतिहास में पहली बार सिटिंग कांग्रेस अध्यक्ष अपने गढ़ में हारा। वह भी किसी राजनेता की औलाद से नहीं बल्कि एक सामान्य परिवार से आने वाली लड़की से। जाहिर सी बात है चोट तो लगेगी।
अडानी मामले में विपक्ष लगातार सवाल खड़े कर रहा है और कहा जा रहा है कि तमाम एजेंसियां बचाने में जुट गई हैं। स्मृति ईरानी ने कहा कि दम है तो गहलोत साहब पर कांग्रेस कार्रवाई करे। 60 हजार करोड़ का समझौता राजस्थान सरकार ने किया है। यूपीए के शासन में 72 हजार करोड़ का लोन दिया गया। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर एलआईसी ,एसबीआई,आरबीआई, फिच, मूडीज ने बोला है लेकिन वो खानदान चाहता है कि हिंदुस्तान की आवाम हमेशा भयभीत रहे।
वो तपस्या कर रहे हैं, टीशर्ट पहनें वो विषय नहीं है। विश्व की दूसरी एजेंसियों के सामने ये कह रहे हैं कि इनको आरबीआई , एलआईसी, एसबीआई पर भरोसा नहीं है। भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बन गया तब तक कुछ हुआ था क्या। इससे पहले हुआ था यह अटैक। वहीं जब उनसे पूछा गया कि पी चिदंबरम ने कहा है कि ओल्ड टैक्स की बजाय सरकार न्यू इनकम टैक्स स्लैब को बढ़ावा दे रही है। सरकार बचत को बढ़ावा नहीं देना चाहती है। स्मृति ईरानी ने कहा कि वो तो विशेषज्ञ हैं। जब उनके हाथ में चीजें थीं तब तेल और साबुन पर 27 प्रतिशत टैक्स था अब 18 प्रतिशत। हाउस लोन पहले क्या था अब क्या है। वो भी तब जब ग्लोबल इकोनॉमी का कोरोना रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद क्या हाल है।