क्या चीन और अमेरिका का सर्वनाश कर देगा एक तूफान, जानिए तूफान-चक्रवात के आने की पूरी कहानी

Updated on 18-09-2024 04:02 PM
नई दिल्ली: चीन के शंघाई शहर में सोमवार को ‘बेबिंका’ तूफान ने दस्तक दी जो पिछले 75 साल में शहर में आया सबसे शक्तिशाली तूफान है। इस तूफान के कारण जनजीवन ठप हो गया है। शंघाई की केंद्रीय मौसम विज्ञान वेधशाला ने बताया कि तूफान 42 मीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से चली हवाओं के साथ शंघाई की ‘पुडोंग डिस्ट्रिक्ट’ के लिंगांग इलाके में पहुंचा। हांगकांग स्थित ‘साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट’ ने बताया कि 2.5 करोड़ की आबादी वाले इस विशाल शहर से 4,14,000 से अधिक लोगों को अन्य स्थानों पर ले जाया गया और शहर में सभी राजमार्गों को बंद कर दिया गया है। म्यांमार और वियतनाम में यागी तूफान ने बड़ी तबाही मचाई है। इस तूफान की वजह से भारत के भी कई इलाकों में आंधी और बारिश का कहर देखने को मिला है। जानते हैं तूफान की पूरी एबीसीडी।

म्यांमार में 226 से ज्यादा लोगों की मौत


बीते सप्ताह आए यागी तूफान और बारिश के बाद बाढ़ एवं भूस्खलन से म्यांमार में 226 लोगों की मौत हो गई और 77 लोग लापता हैं। म्यांमार में प्राकृतिक आपदा से मरने वालों की संख्या 500 के पार पहुंच चुकी है।

वियतनाम में यागी तूफान ने ली 200 से ज्यादा की जान


अब तक 200 से ज्यादा की मौत वियतनाम में तूफान यागी के चलते आई बाढ़ और भूस्खलन की वजह से 200 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। इस तूफान के चलते 100 से ज्यादा लोग लापता है। वहीं 800 से ज्यादा घायल हुए हैं। 10 सिंतबर को लाओ काई प्रांत में भूस्खलन के कारण लैंग नू गांव मिट्टी में जमींदोज हो गया।

भारत पर भी यागी तूफान का असर


पश्चिम बंगाल से उत्तर प्रदेश की ओर बढ़ रहे 'यागी' तूफान का असर अब यूपी के मौसम पर भी पड़ने की संभावना है। जिसके चलते मौसम विज्ञान विभाग ने आने वाले दो दिन यानी 48 घंटे तक प्रदेश में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।

तूफान और चक्रवात में क्या अंतर है, समझिए


nasa global precipitation measurement के अनुसार, तूफ़ान उत्तरी अटलांटिक और पूर्वी उत्तर प्रशांत महासागर में बनते हैं, जबकि चक्रवात दक्षिण प्रशांत और हिंद महासागर में बनते हैं। वहीं, पश्चिमी प्रशांत महासागर में बनने वाले चक्रवातों को टाइफून कहा जाता है। तूफान चक्रवात से ज्यादा तेज होते हैं। तूफान की रफ्तार आम तौर पर 120-370 किलोमीटर प्रति घंटा होती है, जबकि चक्रवात की रफ्तार आम तौर पर 60-200 किलोमीटर प्रति घंटा होती है।

तूफान और चक्रवात का नामकरण कैसे होता है


दिल्ली यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. सना रहमान के अनुसार, तूफानों का नामकरण अलग-अलग इलाकों या देशों के नामों के आधार पर किया जाता है। वहीं, चक्रवातों का नामकरण उनकी रफ्तार के आधार पर किया जाता है। तूफान अमूमन चक्रवात से बड़े होते हैं और इनके केंद्र में भीषण गर्मी और उथल-पुथल रहती है। वहीं, चक्रवात छोटे होते हैं और इनका केंद्रीय भाग शांत होता है।

कैसे बनते हैं तूफान, कहां ये ज्यादा आते हैं


सना रहमान के अनुसार, तूफान पृथ्वी पर सबसे ज्यादा खतरनाक होते हैं। वे भूमध्य रेखा के पास गर्म समुद्री पानी में बनते हैं। दरअसल, तूफान शब्द का इस्तेमाल केवल अटलांटिक महासागर या पूर्वी प्रशांत महासागर के ऊपर बनने वाले बड़े तूफानों के लिए किया जाता है। जब तूफान गर्म पानी के ऊपर होता है तो वह बढ़ता रहता है। इसके केंद्र में कम दबाव के कारण हवाएं तूफान के केंद्र की ओर बहती हैं और हवा ऊपर की ओर बढ़ती है। वायुमंडल में ऊपर की ओर हवाएं तूफान से दूर बहती हैं, जिससे नीचे से ज्यादा हवा ऊपर उठती है। ऊपर उठने वाली हवा गर्म और नम होती है, इसीलिए तूफान के बादल बन जाते हैं।

कहां और कैसे-कैसे चक्रवात के नाम


ऑस्ट्रेलिया में चक्रवात को विली-विलीज़ कहा जाता है। अमेरिका में इसे हरिकेन कहते हैं और दक्षिणी प्रशांत क्षेत्र में इसे टाइफून कहते हैं। इसलिए, हरिकेन, चक्रवात और टाइफून के बीच वास्तविक अंतर इस बात पर निर्भर होता है कि दुनिया में तूफान कहां आता है।

जब समुद्र के भीतर होती है उथल-पुथल


सना रहमान कहती हैं कि गर्म महासागर से पानी का भाप (वाष्पीकरण) इकट्ठा होकर (संघनन) बादल बनता है तो यह अपनी गर्मी हवा में छोड़ता है। गर्म हवा ऊपर उठती है और बादलों से मिल जाती है। वाष्पीकरण और संघनन दोनों प्रक्रियाओं के एकसाथ होने से बादलों का एक के बाद एक ढेर लग जाता है। एक पैटर्न विकसित होता है, जिसमें हवा एक केंद्र के चारों ओर घूमती है। जैसे-जैसे यह हवा बादलों के इस पैटर्न से टकराती है तो गरज के साथ बादल बरसने लगते हैं। इसी को उष्णकटिबंधीय विक्षोभ कहा जाता है। ऐसे चक्रवात समुद्र तटीय शहरों या देशों के लिए खतरा बनते हैं। अमेरिका और चीन के कई शहर चक्रवाती तूफानों की जद में आते हैं और हर साल वहां सैकड़ों लोग जान गंवा बैठते हैं और करोड़ों का नुकसान होता है।

हवा की गति के साथ तय होती है तूफान की ताकत


जब हवा की गति 39 मील प्रति घंटे तक पहुंच जाती है तो उष्णकटिबंधीय तूफान बन जाता है। यह तब भी होता है जब तूफान को एक नाम मिलता है। हवाएं तेज चलती हैं और तूफान की आंख या शांत केंद्र के चारों ओर मुड़ने और घूमने लगती हैं। उत्तरी गोलार्ध में हवा की दिशा पश्चिम से पूर्व और दक्षिणी गोलार्ध में पूर्व से पश्चिम होती है। इस घटना को कोरिओलिस प्रभाव के रूप में जाना जाता है। जब हवा की गति 74 मील प्रति घंटे तक पहुंच जाती है, तो कोई तूफान आधिकारिक तौर पर तूफान बन जाता है।

कितना बड़ा होता है तूफान और कितना होता है दायरा


तूफान कम से कम 50,000 फीट ऊंचा और इसका दायरा करीब 200 किलोमीटर होता है। यानी इतने बड़े इलाके में यह तबाही मचा सकता है। तूफान की आंख करीब 5 से 30 मील चौड़ी होती है। व्यापारिक हवाएं तूफान को पश्चिम की ओर धकेलती हैं। ये हवाएं कैरिबियन, मैक्सिको की खाड़ी या अमेरिका के दक्षिण-पूर्वी तट की ओर बहने लगती हैं।। कम हवा का दबाव भी तूफान की आंख के पास समुद्र के पानी का बड़ा तालाब जमा कर देता है। तूफान आमतौर पर जमीन से टकराने पर कमजोर पड़ जाते है, क्योंकि उन्हें अब गर्म समुद्री पानी से ऊर्जा नहीं मिल रही होती।

चक्रवाती बारिश तब होती है, जब गर्म हवा संपर्क में


चक्रवाती वर्षा तब होती है जब गर्म नम हवा ठंडी ड्राई हवा के संपर्क में आती है। पानी के ऊपर की हवा गर्म होकर ऊपर उठती है जिससे कम दबाव का क्षेत्र बनता है। पृथ्वी अपनी धुरी पर लट्टू की तरह घूमती रहती है। इस वजह से यह हवा सीधी दिशा में ना आकर घूमने लगती है और चक्कर लगाती हुई उस जगह की ओर आगे बढ़ती है। इसे चक्रवात कहते हैं।

तूफान के साथ भीषण बारिश क्यों होती है?


जब तूफान बहुत तेज गति के साथ कहीं जमीन से टकराता है तो बादल खुद को संभाल नहीं पाते। ऐसे में भारी भरकम पानी की मात्रा के साथ बरसना शुरू कर देते हैं। इस बारिश की गति भी बहुत तेज होती है। इसी वजह से तूफान के साथ अमूमन मूसलाधार बारिश होती है। चक्रवात में तेज हवाएं, तट के करीब समुद्र का स्तर असामान्य रूप से ऊंचा होना, निचले इलाकों का डूबना और तेज हवा पानी के साथ पेड़ और मकान नष्ट हो जाते हैं। यह अपने सामने आने वाली किसी चीज को उखाड़ फेंकते हैं, जिससे जान-माल का गंभीर नुकसान होता है। इससे तटीय बाढ़, गंभीर बाढ़ का खतरा भी पैदा हो जाता है, जो हम चेन्नई और दक्षिण भारत के कई इलाकों में अक्सर देखने को मिलता है। इससे समुद्र से घिरे अमेरिका और चीन के तटीय इलाकों के डूबने का खतरा बना रहता है।

भविष्य में क्या तूफान और खतरनाक होते जाएंगे


कई स्टडी के अनुसार, समुद्र की सतह के बढ़ते तापमान से बढ़ती नमी के कारण तूफान में बारिश की तीव्रता उम्मीद से दोगुनी तेजी से बढ़ेगी। तापमान बढ़ने के साथ उष्णकटिबंधीय तूफानी हवाएं मजबूत होंगी। तेज हवाओं वाले तूफानों से बारिश की दर भी बढ़ती जाती है। यह आने वाले समय में ज्यादा विनाशकारी साबित होगी। वजह यह है कि ग्लोबल वार्मिंग की वजह से समुद्र का पानी लगातार गर्म हो रहा है। महज अरब सागर का पानी अब तक 1.2 सेंटीग्रेड गर्म हो चुका है।

अमेरिका में तूफान ने मचाई भारी तबाही, 5 लाख लोग अंधेरे में


इसी साल मई में अमेरिका के दक्षिणी मैदानी क्षेत्रों ओजार्क्स समेत चार प्रांतों में तूफान से 25 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी और सैकड़ों घर तबाह हो गए। बिजली संकट की वजह से 5 लाख लोगों को अंधेरे में रहने के लिए मजबूर होना पड़ा था।

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