समान नागरिक संहिता लागू होगी? सरकार ने राज्यसभा को बताया- 22वां विधि आयोग कर सकता है विचार
Updated on
03-02-2023 06:36 PM
नई दिल्ली : सरकार ने गुरुवार को संसद को बताया कि समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) लागू करने पर अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है। केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में यह भी बताया कि 22वां विधि आयोग (Law Commission) समान नागरिक संहिता से जुड़े मामले पर विचार कर सकता है।उन्होंने बताया कि सरकार ने भारत के 21वें विधि आयोग से अनुरोध किया था कि समान नागरिक संहिता से संबंधित विभिन्न विषयों का परीक्षण करें और उस पर अपना सुझाव दें। रिजिजू ने कहा कि लेकिन 21वें विधि आयोग की अवधि 31 अगस्त 2018 को समाप्त हो गई।कानून मंत्री ने कहा, ‘विधि आयोग से प्राप्त जानकारी के अनुसार समान नागरिक संहिता से संबंधित मामला 22वें विधि आयोग द्वारा अपने विचार के लिए लिया जा सकेगा। इसलिए समान नागरिक संहिता लागू करने पर कभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है।’ वर्तमान विधि आयोग का गठन 21 फरवरी, 2020 को किया गया था, लेकिन इसके अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति आयोग का कार्यकाल समाप्त होने से महीनों पहले पिछले साल नवंबर में की गई थी।
21 वें विधि आयोग ने समान नागरिक संहिता से संबंधित विभिन्न मुद्दों की जांच की और व्यापक चर्चा के लिए अपनी वेबसाइट पर ‘परिवार कानून में सुधार’ नामक एक परामर्श पत्र अपलोड किया।
समान नागरिक संहिता भारतीय जनता पार्टी का एक प्रमुख चुनावी मुद्दा रहा है। वर्ष 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में यह भाजपा के प्रमुख चुनावी वादों में शुमार था। उत्तराखंड और गुजरात जैसे भाजपा शासित कुछ राज्यों ने इसे लागू करने की दिशा में कदम उठाया है।