तीसरी बार चीन के राष्ट्रपति बने शी जिनपिंग, सबसे ज्यादा समय तक राज करने वाले पहले चीनी नेता
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10-03-2023 08:26 PM
बीजिंग: शी जिनपिंग लगातार तीसरी बार चीन के राष्ट्रपति बने हैं। शुक्रवार को उन्होंने असाधारण तौर पर अपने तीसरे कार्यकाल का आगाज किया है। वह देश के पहले ऐसे नेता हैं जो लगातार तीन बार राष्ट्रपति का पद संभाल रहे हैं। साल 2013 वह पहली बार देश के राष्ट्रपति बने थे। इसके बाद साल 2018 में उन्हें दूसरी बार राष्ट्रपति चुना गया था। शुक्रवार को सालाना नेशनल पीपुल्स कांग्रेस में प्रतिनिधियों ने औपचारिक तौर पर शी को सेंट्रल मिलिट्री कमीशन का चेयरमैन नियुक्त करने का ऐलान किया।अब होगा नए प्रधानमंत्री का ऐलानअक्टूबर 2022 में हुई चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की 20वीं नेशनल कांग्रेस के दौरान शी जिनपिंग ने अपनी पार्टी पर नियंत्रण और मजबूत कर लिया था। इसी दौरान उन्होंने पार्टी के सर्वोच्च पदों पर अपने करीबियों और वफादारों को नियुक्त किया था। अक्टूबर में जो सम्मेलन हुआ था, उसके बाद चीन की कम्युनिस्ट पार्टी सरकार के पदों पर अहम नियुक्तियां करती है जिनमें राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की नियुक्ति सबसे अहम होती है। शनिवार को प्रतिनिधि चीन के नए प्रधानमंत्री के नाम को मंजूरी देंगे।
सोमवार को जिनपिंग संसदीय मीटिंग के खत्म होने पर अपना संबोधन देंगे। इसके बाद प्रधानमंत्री का भाषण होगा। शुक्रवार को प्रतिनिधियों ने स्टेट काउंसिल के पुर्नगठन के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है। यह चीनी सरकार की टॉप एग्जिक्यूटिव बॉडी है। इस हफ्ते एक योजना का ड्राफ्ट रिलीज किया गया था। इसमें साफ हो गया था कि सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी आने वाले दिनों में सरकार का नियंत्रण और बढ़ाने वाली है। सबसे ताकतवर नेता बन गए जिनपिंग जिनपिंग का कद पार्टी के अंदर पिछले एक दशक में काफी तेजी से बढ़ा है। कम्युनिस्ट पार्टी के एक साधारण वर्कर से आज वह दुनिया के सबसे ताकतवर देश के राष्ट्रपति हैं। पिछले कई दशकों बाद चीन ऐसा नेता मिला है जो माओ के बाद इतना ताकतवर हुआ है। जिनपिंग से पहले जियांग जेमिन और हू जिंताओ को 10 साल के बाद अपना ऑफिस छोड़ना पड़ा था। साल 2018 में जिनपिंग ने संविधान में बदलाव किया था। इस बदलाव के बाद उनके आजीवन शासन का रास्ता भी साफ हो गया था। अब वह चीन के सबसे ज्यादा समय तक राज करने वाले राष्ट्रपति बन गए हैं।
चुनौतियों के बीच ताजपोशी
जिनपिंग को ऐसे समय तीसरी बार चीन की सत्ता मिली है जब देश के सामने कई चुनौतियां हैं। मानवाधिकार से लेकर व्यापार और यहां तक की टेक्नोलॉजी तक के क्षेत्र में चीन को कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। पीपुल्स कांग्रेस के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए जिनपिंग ने अमेरिका की आलोचना की थी। उन्होंने अमेरिका पर चीन को नियंत्रित करने, उसका घेराव करने और उसे दबाने की नीति अपनाने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि चीन को लड़ने का साहस जुटाना होगा क्योंकि देश के सामने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई तरह के चैलेंज का सामना करना पड़ रहा है।