वॉशिंगटन : अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति यून सुक-योल ने उत्तर कोरिया के खिलाफ प्रतिरोध को और अधिक मजबूत करने का वादा किया है। इसके लिए अमेरिका परमाणु हथियारों से लैस पनडुब्बियां और अन्य सैन्य संपत्ति दक्षिण कोरिया भेजेगा। वॉशिंगटन में अपनी बैठक के बाद एक संयुक्त प्रेस कान्फ्रेंस में बाइडन और यून ने दोनों देशों के बीच नए समझौते के बारे में बताया जिसे 'Washington Declaration' कहा जा रहा है।
2021 में बाइडन के शपथ ग्रहण के बाद से फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के बाद यून दूसरे नेता हैं जिनकी आधिकारिक राजकीय यात्रा की मेजबानी वाइट हाउस कर रहा है। बाइडन प्रशासन ने कहा कि वॉशिंगटन हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपने प्रमुख सहयोगी को प्रथामिकता दे रहा है। यून ने कहा कि नया प्रतिरोध समझौता द्विपक्षीय रणनीति के 'विस्तार और मजबूती' को दिखाता है। अमेरिका और दक्षिण कोरिया के बीच यह समझौता ऐसे समय पर हुआ है जब उत्तर कोरिया ने अपने हथियारों के परीक्षण की रफ्तार बढ़ा दी है।
उत्तर कोरिया को जवाब देने की तैयारी
यून ने कहा, 'राष्ट्रपति बाइडन ने रिपब्लिक ऑफ कोरिया के लिए विस्तारित प्रतिरोध की अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता को फिर से दिखाया है।' उन्होंने कहा कि दोनों देश 'उत्तर कोरिया के परमाणु हमले की स्थिति में अमेरिका के परमाणु हथियारों सहित गठबंधन की पूरी ताकत का इस्तेमाल करते हुए निर्णायक रूप से जवाब देने पर सहमत हुए हैं'। यून ने कहा कि उत्तर कोरियाई खतरों से संबंधित रणनीति और जानकारी साझा करने के लिए देश एक 'परमाणु परामर्श समूह' भी स्थापित करेंगे।
1980 के दशक के बाद से पहली बार
यह समूह संयुक्त अभियानों की योजना बनाने और उन्हें क्रियान्वित करने के तरीकों पर चर्चा करेगा। बाइडन ने कहा कि यह समझौता उत्तर कोरिया की ओर से हमले की स्थिति में सहयोग को बढ़ाएगा। कोरियाई प्रायद्वीप में परमाणु हथियारों से लैस पनडुब्बियों की तैनाती 1980 के दशक की शुरुआत से नहीं हुई है। इससे आने वाले दिनों में तनाव और अधिक बढ़ सकता है। दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति के छह दिवसीय राजकीय दौरे पर सोमवार को वॉशिंगटन पहुंचने के बाद यह पहली बार है जब यून और बाइडेन की मुलाकात हो रही है।