भोपाल में खादी-ग्रामोद्योग विभाग की वित्त लेखाधिकारी और उनकी बड़ी बहन के साथ एएसआई जीजा ने निर्भया जैसी दरिंदगी की थी। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है।
योगेश मरावी ने 3 दिसंबर की सुबह 11 बजे पत्नी विनीता (35) और साली वित्त लेखाधिकारी मेघा उइके (30) की चाकू से गोदकर हत्या की थी। दोनों के शव फ्लैट में मिले थे। मेघा के पेट, कमर और प्राइवेट पार्ट के बेहद करीब चाकू से कुल 14 वार किए थे।
वहीं, विनीता के प्राइवेट पार्ट के बायीं तरफ करीब एक इंच दूर गहरा घाव मिला है। विनीता की बॉडी पर कुल 7 घाव मिले हैं। इनमें कमर पर दो, पेट, बाएं हाथ के अंगूठे पर एक वार भी शामिल हैं।
आरोपी योगेश मंडला जिले में एएसआई था। घटना के बाद उसे सस्पेंड कर दिया गया था। उसका प्लान पत्नी की जान-पहचान वाले एक एसआई की हत्या के बाद खुदकुशी करने का था। हालांकि, 3 दिसंबर की शाम को ही उसे मंडला पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।
योगेश ने ढाबे पर लिखा था सुसाइड नोट योगेश मंडला से भोपाल तक किराए की टैक्सी में आया था। इस टैक्सी के ड्राइवर के भी पुलिस ने बयान दर्ज किए हैं। उसने बताया कि एक ढाबे पर खाना खाने रुके थे। तब उसने देखा कि योगेश सुसाइड नोट लिख रहा है। इसकी जानकारी उसने अपने मालिक को कॉल कर दी।
मालिक ने कहा कि एएसआई है, किसी और के लिए कुछ लिखा-पढ़ी कर रहा होगा। हत्या के बाद जब आरोपी इसी कार से लौटा, तब उसकी शर्ट पर खून के धब्बे साफ दिखाई दे रहे थे। इसकी जानकारी भी ड्राइवर की ओर से मालिक को फोन पर दी गई थी।
मेघा उइके भांप चुकी थी जीजा के मंसूबे योगेश मरावी के मंसूबे को उसकी साली मेघा उइके पहले ही भांप चुकी थी। उसे आशंका थी कि योगेश कुछ गलत कर सकता है। 27 नवंबर को मेघा ने अपनी ऑफिशियल मेल आईडी से बालाघाट और मंडला के एसपी को शिकायत भी भेजी थी। इनमें बताया था कि योगेश ने घर-ऑफिस आकर हमारे बारे में लोगों से गंदी बातें बोली हैं। उससे जान का खतरा है।
मेघा के मोबाइल में शिकायत की पीडीएफ कॉपी मिली है। यह बालाघाट आईजी के नाम है। इसमें मेघा के साइन के साथ 27 नवंबर 2024 की डेट तो है, लेकिन पुलिस की सील नहीं है। इतना ही नहीं, मेघा उइके इसके पहले 21 नवंबर को भी जीजा योगेश मरावी के खिलाफ भोपाल के एमपी नगर थाने में शिकायत दर्ज करा चुकी थी।
पढ़िए, पुलिस के नाम मेघा का आखिरी लेटर... मैं मेघा उइके, सहायक संचालक, वित्त विभाग, वर्तमान पदस्थापना स्थल मध्यप्रदेश खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड, 74 अरेरा हिल्स भोपाल में लेखाधिकारी के पद पर हूं। मेरी बड़ी बहन विनीता मरावी और जीजा एएसआई योगेश मरावी के बीच कुछ समय से विवाद चल रहा है। एएसआई योगेश थाना मवई, जिला मंडला में पदस्थ है।
20 नवंबर 2024 को योगेश, दीदी और मुझे जान से मारने की धमकी देने मंडला से भोपाल आए। मेरे फ्लैट सिमी अपार्टमेंट (प्रभात चौराहा, सुभाष नगर, भोपाल) पर रात 8 बजे से रात 12 बजे तक हंगामा किया। आसपास के लोगों के सामने मेरे बारे में अपमानजनक और अशोभनीय बातें कीं।
21 नवंबर 2024 की सुबह 8 बजे योगेश मेरे कार्यालय मध्यप्रदेश खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड, 74 अरेरा हिल्स भोपाल आए। 10.30 बजे जब इन्होंने देखा कि कर्मचारी कार्यालय आ चुके हैं तो ये भी अंदर आ गए। कार्यालय के कर्मचारी मनोज बाथम के सामने मेरे बारे में अभद्र बातें करने लगे। बाथम ने उनसे कहा- आप अपने पारिवारिक विवाद की बातें कार्यालय में नहीं करिए।
योगेश, बॉथम को ऑफिस के मेन गेट पर ले आए। यहां बाथम और दिनेश कुशवाहा के सामने 45 मिनट तक मेरे बारे में गलत बातें की। परेशान होकर मैंने डायल 100 पर कॉल किया। पुलिस टीम इन्हें (योगेश) एमपी नगर थाने ले गई। इस घटना की शिकायत मैंने एमपी नगर थाने में दर्ज कराई।
मेरे माता-पिता जयपाल सिंह उइके और देविका उइके, वरिष्ठ नागरिक हैं। बीमार रहते हैं। वे पैतृक गांव ग्राम मोहबट्टा, तहसील बैहर, जिला बालाघाट में रहते हैं। मेरी पदस्थापना 2020 से भोपाल में है, जो मेरे गृहनगर से 450 किमी दूर है।
ऐसी स्थिति में योगेश मरावी और उनकी बहन मालती उइके मेरे परिजन के घर जाकर और फोन लगाकर उन्हें धमका व अपमानित कर रहे हैं। अतः निवेदन है कि योगेश मरावी के विरुद्ध कानूनी/विभागीय अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए। मेरे और परिवार के साथ कुछ भी अनहोनी होती है, तो इसके लिए योगेश मरावी जिम्मेदार होंगे। (जैसा मेघा ने पुलिस को शिकायत में बताया)
आरोपी बोला- पत्नी को छोड़ना नहीं चाहता था आरोपी योगेश ने पुलिस को बताया कि वह पत्नी विनीता को छोड़ना नहीं चाहता था। उसके साथ रहना चाहता था। इसके लिए हरसंभव कोशिश कर चुका था। वह साथ रहने को राजी नहीं थी। विनीता ने ही तलाक के पेपर तैयार कराए, नोटिस भेजा। यह सब वह अपनी बहन मेघा के कहने पर कर रही थी।
मैं विनीता से बेहद प्यार करता था। उसकी हर गलती को माफ किया। मेघा लगातार उसका ब्रेन वॉश करती थी। फोन पर बात भी नहीं करने देती थी। हमारे रिश्ते के बीच आकर उसने सब कुछ बेहद खराब कर दिया था।
विनीता चार साल पहले बिना बताए एक अन्य व्यक्ति के साथ चली गई थी। इसके बाद भी उसे साथ रखने के लिए राजी था लेकिन वह मानने को तैयार नहीं थी। हत्या के सिवा कोई और रास्ता नहीं सूझा। उसकी भी हत्या करना चाहता था, जिसके संपर्क में विनीता थी। इसके बाद खुदकुशी कर लेता।