वॉशिंगटन : अमेरिका में अगले साल राष्ट्रपति का चुनाव होगा जिसकी तैयारियां अभी से शुरू हो गई हैं। इस बार के चुनाव में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस भी एक बड़ी भूमिका निभा रहा है। मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडन एक बार फिर राष्ट्रपति पद की दौड़ में होने के लिए तैयार हैं। 80 साल के बाइडन की उम्र उनकी दावेदारी का सबसे कमजोर पहलू है और रिपब्लिकन नेशनल कमेटी ने उनकी इसी कमजोर कड़ी पर वार किया है। आरएनसी ने एक एआई विज्ञापन के साथ डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता के खिलाफ अपना पहला हमला बोला है। अमेरिकी चुनावी इतिहास में पहली बार एआई का इस्तेमाल कर बनाए गए विज्ञापन का शीर्षक है, 'क्या होगा अगर अब तक का सबसे कमजोर राष्ट्रपति दोबारा चुन लिया गया?'
इसमें बाइडन के दोबारा राष्ट्रपति बनने के तमाम दुष्परिणामों की कल्पना की गई है। वीडियो एआई टूल का इस्तेमाल करके बनाया गया है जिसकी शुरुआत बाइडन और कमला हैरिस के शपथ लेने की तस्वीरों से होती है। पीछे से एक वॉयस ओवर बताता है कि सबसे कमजोर अमेरिकी राष्ट्रपति के फिर से चुने जाने के बाद चीन ने ताइवान पर हमला किया, वित्तीय संस्थान चरमरा गए, विद्रोहियों ने सीमा पर हमला कर दिया और सेना को अमेरिकी सड़कों पर कब्जा करने के लिए मजबूर होना पड़ा।
एआई से फेक न्यूज फैलने का खतरा
आरएनसी ने पुष्टि की है कि यह उनका पहला एआई जनरेटिव वीडियो है। हालांकि वीडियो के ऊपरी-बाएं कोने में भी एक डिस्क्लेमर नजर आता है जिसमें लिखा है कि विज्ञापन 'पूरी तरह एआई इमेजरी से बनाया गया है'। कल्पनाओं और दुष्प्रचार पर आधारित वीडियो ने एक बड़े विवाद को जन्म दे दिया है। इसने खतरे की घंटी बजा दी है कि कैसे एआई इस चुनावी लड़ाई को फेक न्यूज से भर देगा। यह वीडियो इस बात की पुष्टि करता है कि नकली तस्वीरों और फर्जी वीडियो के साथ एक ऑडियो लगाकर एआई का इस्तेमाल प्रोपेगेंडा के लिए भी किया जा सकता है।
70 फीसदी अमेरिकी बाइडन को दोबारा नहीं चाहते
बाइडन ने मंगलवार को एक बार फिर राष्ट्रपति चुनाव की दौड़ में शामिल होने की इच्छा जताई। वह 80 साल के हो चुके हैं और मौजूदा कार्यकाल में कई बार अपनी गलतियों के लिए ट्रोल भी किए गए हैं। ऐसे में अमेरिकी एक बार फिर उन पर कितना भरोसा करेंगे यह कहना मुश्किल होगा। एबीसी न्यूज का एक पोल बताता है कि 70 फीसदी अमेरिकी और 51 फीसदी डेमोक्रेट्स मानते हैं कि बाइडन को दोबारा चुनाव नहीं लड़ना चाहिए।