बीजिंग: चीन की पुलिस ने कथित तौर पर AI का इस्तेमाल कर ट्रेन दुर्घटना की ‘फर्जी खबर’ गढ़ने और विभिन्न सोशल मीडिया खातों के माध्यम से प्रसारित करने के आरोप में एक व्यक्ति को हिरासत में लिया है। बताया जा रहा है कि चीन में चैटजीपीटी के दुरुपयोग के मामले में यह पहली गिरफ्तारी है। उत्तरी पश्चिमी गांसू प्रांत की पुलिस ने रविवार को जारी एक बयान में कहा कि हांग उपनाम वाले संदिग्ध को ‘कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर फर्जी और झूठी सूचना’ गढ़ने के आरोप में हिरासत में लिया गया है।
हांगकांग से प्रकाशित साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट अखबार में सोमवार को प्रकाशित खबर के मुताबिक, काउंटी पुलिस ब्यूरो के साइबर प्रकोष्ठ का सबसे पहले ध्यान इस खबर पर गया, जिसमें दावा किया गया था कि 25 अप्रैल को लोकल ट्रेन के दुर्घटनाग्रस्त होने से नौ लोगों की मौत हो गई। अखबार के मुताबिक, कांगटांग काउंटी के साइबर सुरक्षा अधिकारियों ने पाया कि यह रेल दुर्घटना संबंधी खबर ‘बाइजियाहो’पर 20 से अधिक खातों के माध्यम से प्रसारित की गई है। उल्लेखनीय है कि ‘बाइजियाहो’ ब्लॉग सरीखा मंच है, जिसका संचालक चीन का सर्च इंजन ‘बाइदू’है।
पांच साल की हो सकती है जेल
अखबार के मुताबिक, जब अधिकारियों का ध्यान इस लेख की ओर गया, तबतक 15 हजार से अधिक उपयोगकर्ता इसे देख चुके थे। गांसू के जन सुरक्षा विभाग ने कहा कि हांग पर ‘संघर्ष को बढ़ावा देने और झगड़े को उकसाने’ का अपराध करने का संदेह है और अपराध साबित होने पर अधिकतम पांच साल कैद की सजा हो सकती है। उन्होंने कहा, हालांकि, मामले के गंभीर पाए जाने पर दोषी को 10 साल तक कैद हो सकती है और उसे अतिरिक्त जुर्माना भरना पड़ सकता है। अखबार के अनुसार, इस साल जनवरी में ‘डीपफेक’ प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल को विनियमित करने वाले बीजिंग की ओर से बनाए गए प्रावधानों के आधिकारिक रूप से जनवरी में लागू होने के बाद पहली बार है, जब चीन के अधिकारियों ने ऐसे मामले में किसी व्यक्ति की गिरफ्तारी की जानकारी सार्वजनिक की है।
क्या चीन में बैन है चैट जीपीटी
पुलिस ने बताया कि उसने जांच के दौरान पाया की फर्जी खबर का स्रोत वह कपंनी थी, जिसका मालिक संदिग्ध हांग है। उसने बताया कि व्यक्तिगत मीडिया मंच के तौर पर इस कंपनी को दक्षिणी चीन के ग्वांगडोंग प्रांत के शेनझान में पंजीकृत कराया गया है। पुलिस के मुताबिक, खबर के स्रोत की जानकारी मिलने के करीब 10 दिन बाद पुलिस टीम ने हांग के घर और कंप्यूटर की तलाशी ली और उसे हिरासत में लिया। एक बयान में पुलिस ने दावा किया कि हांग ने स्वीकार किया है कि उसने अपनी इच्छा के अनुसार फर्जी खबर को मनचाहे अकाउंट पर प्रसारित करने के लिए ‘बाइजियाहो’ की डुप्लीकेट जांच प्रणाली को बाइपास किया।
हांग ने फर्जी खबर गढ़ने के लिए कुछ साल पहले ट्रेंड करने वाली खबरों को लिया और चैटजीपीटी की मदद से तुरंत खबर का नया संस्करण तैयार किया और बाइजियाहो पर अपलोड कर दिया। गौरतलब है कि चैटजीपीटी चीन के आईपी पतों पर प्रत्यक्ष रूप से उपलब्ध नहीं है, लेकिन चीनी उपयोगकर्ता जरूरत पड़ने पर वीपीएन के जरिये इसका इस्तेमाल करते हैं। वहीं, चीनी आईटी कंपनियां माइक्रोसॉफ्ट और गूगल की घोषणा के बाद चैटजीपीटी के अपने संस्करण बनाने के लिए प्रयोग कर रही हैं।