75 साल में पहली बार... पाकिस्तान पर कंगाली की मार, सऊदी अरब को सौंपा हज कोटा
Updated on
08-05-2023 06:48 PM
इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने इतिहास में पहली बार हज तीर्थयात्रियों के लिए सऊदी अरब से मिले कोटे को वापस कर दिया है। बढ़ती महंगाई और आर्थिक तंगी के कारण पाकिस्तान में इस बार हज के लिए आवेदन उपलब्ध सीटों से कम आए थे। पाकिस्तान के धार्मिक मंत्रालय ने पुष्टि की है कि आठ हजार सरकारी योजना कोटा वापस कर दिया गया है। मंत्रालय के सूत्रों ने बताया है कि इस कदम का उद्देश्य 24 मिलियन डॉलर की राशि को बचाना था। अगर पाकिस्तान सरकार कोटा सरेंडर नहीं करती तो उसे आवास के लिए इतनी राशि का भुगतान करना पड़ता। पाकिस्तान की संघीय सरकार ने पहले ही ऐलान किया था कि आवेदन में कमी की संभावना को देखते हुए इस बार हज आवेदकों के लिए कोई वोटिंग नहीं होगी।पाकिस्तान में कम लोगों ने किया हज का आवेदन
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की खबर के अनुसार, पाकिस्तान ने खाली पड़ी हज कोटे की सीटों को सऊदी अरब को सरेंडर कर दिया है। इन सीटों पर अब पाकिस्तान को कोई शुल्क नहीं देना होगा। पाकिस्तान में हज के लिए आवेदन में कमी यह दिखाता है कि देश में मुद्रास्फीति काफी बढ़ गई है। महंगाई के कारण लोग दो वक्त की रोटी के लिए संघर्ष कर रहे हैं। ऐसे में हज जैसे धार्मिक कार्यों के लिए लोगों के पास पैसे नहीं बच रहे हैं। इससे पहले पाकिस्तान सरकार सऊदी अरब से लंबे समय से हज के कोटे को बढ़ाने की मांग कर रही थी, लेकिन वर्तमान में पहले से आवंटित कोटे को पूरा करने में विफल रही है। इस साल लंबे समय के बाद पाकिस्तान को तीर्थयात्रा के लिए पूरा हिस्सा दिया गया था।निजी हज आपरेटरों को भी नहीं सौपा कोटा
रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार निजी हज ऑपरेटरों को बिना इस्तेमाल किए हुए हज कोटा आवंटित करने पर विचार कर रही है। लेकिन सरकार को डर है कि इससे निजी ऑपरेटर खुले बाजार में बेचकर डॉलर कमा सकते हैं। ऐसे में पाकिस्तान सरकार ने इस्तेमाल न किए हुए कोटे को सरेंडर करने का फैसला किया। सऊदी अरब की तरफ से पाकिस्तान के इस कदम को लेकर अभी तक कोई भी जवाब नहीं आया है।