घायल मजदूरों की पहचान प्रसाद और गोविंद के तौर पर हुई है, जो उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, बेहतर इलाज के लिए दोनों को जीएमसी अनंतनाग शिफ्ट कर दिया गया है। इससे पहले 3 नवंबर को अनंतनाग जिले में ही आतंकियों ने दो अप्रवासी मजूदरों को गोली मार दी थी। दोनों को गंभीर चोटें आईं, मगर इलाज के बाद वे रिकवर हो गए। दोनों श्रमिक जिले में स्थित एक प्राइवेट स्कूल में काम करते थे।
अक्टूबर में भी हुआ बाहरी मजदूरों पर हमला
इसी साल 18 अक्टूबर को भी आतंकियों ने दो गैर-कश्मीरी मजदूरों को निशाना
बनाया था। शोपियां जिले में स्थित उनके टिन-शेड शेल्टर पर हैंड ग्रेनेड
फेंका गया था। इस हमले में दोनों की मौत हो गई। इनकी पहचान मनीष कुमार और
राम सागर के तौर पर हुई, जो यूपी के रहने वाले थे।
1 साल में 10 बाहरी मजदूरों की हत्या
दरअसल, पूरी कश्मीर घाटी में डर का माहौल पैदा करने के लिए आतंकी बाहरी
मजदूरों और कश्मीरी पंडितों पर हमले कर रह हैं। आधिकारिक आंकड़ों के
मुताबिक, बीते एक साल में आतंकवादियों के हमलों में 10 बाहरी मजदूरों और 4
कश्मीरी पंडितों की मौत हुई है। प्रशासन की ओर से इन हमलों को रोकने की हर
संभव कोशिश की जा रही है। हाल के दिनों में घाटी में आतंक के खिलाफ सेना का
ऑपरेशन तेज कर दिया गया है।