इजरायल और अमेरिका के बीच गाजा और लेबनान युद्ध शुरू होने के बाद से ही हथियारों की सप्लाई को लेकर तनाव देखा गया है। यही नहीं अब इजरायल को डर सता रहा है कि नाटो देश तुर्की के साथ भी उसे निकट भविष्य में संघर्ष में उतरना पड़ सकता है। अमेरिका ने भारी बम देने से पहले शर्त रखी थी कि इजरायल गाजा में मानवीय मदद भेजने की अनुमति दे। यही नहीं बाइडन की पार्टी ने तो हाल ही में इजरायल को हथियारों की सप्लाई रोकने या उस पर कई तरह के प्रतिबंध लगाने के लिए वोट किया था। इसी वजह से अब इजरायल पूरी तरह से अमेरिकी बमों से आजादी चाहता है। विश्लेषकों का कहना है कि इजरायल का यह कदम दर्शाता है कि भारत को भी चौतरफा दुश्मनों के खतरे को देखते हुए अपने आत्मनिर्भर भारत के मिशन को जारी रखना होगा।