नई दिल्ली: केंद्र सरकार बैंक में जमा रकम पर मिलने वाले इंश्योरेंस कवर को बढ़ा सकती है। मान लीजिए किसी के अकाउंट में 10 लाख रुपये डिपॉजिट हैं और बैंक डूब जाता है तो अभी सिर्फ 5 लाख रुपये ही बीमा कवर मिलता है। डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन ऐक्ट (DICGC) के तहत मिलने वाले इस इंश्योरेंस कवर को सरकार 5 लाख रुपये से ज्यादा करने पर विचार कर रही है। सोमवार को यह जानकारी वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने दी।हाल ही में न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक घोटाला सामने आया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की मौजूदगी में वित्तीय सेवा विभाग के सचिव एम नागराजु ने बताया कि प्रस्ताव को जैसे ही सरकार मंजूरी देगी, इसकी अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। हालांकि उन्होंने न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक संकट पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, कहा कि यह मामला आरबीआई के अधीन है।
2020 में एक लाख से 5 लाख की थी लिमिट
DICGC जमाकर्ता से इस बीमा पर कोई प्रीमियम सीधे तौर पर नहीं लेता। यह प्रीमियम बैंक ही भरते हैं। डिपॉजिट गारंटी सिर्फ बैंक बंद होने की स्थिति में लागू होती है। जब कोई बैंक डूबता है, तो जमा रकम पर इंश्योरेंस दावा एक्टिव हो जाता है। PMC बैंक घोटाले के बाद 2020 में DICGC इंश्योरेंस लिमिट को 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया गया था।