इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान रावलपिंडी में मंगलवार को नेशनल अकाउंटबिलिटी ब्यूरो (नैब) के ऑफिस में हाजिर हुए थे। नैब ने मंगलवार को कई कानूनी मामलों में फंसे पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान से 190 मिलियन पाउंड के निपटान मामले से संबंधित धन का रिकॉर्ड मांगा। स्थानीय मीडिया ने यह जानकारी दी है। चार घंटे की पूछताछ के बाद इमरान को जमानत दे दी गई है। इससे अलग इस्लामाबाद में हिंसा के आठ मामलों में भी इमरान को एंटी-टेररिज्म कोर्ट (एटीसी) से जमानत मिल गई है। जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, पूछताछ के दौरान नैब के अधिकारियों ने उनसे ब्रिटेन में राष्ट्रीय अपराध एजेंसी (एनसीए) के साथ पत्राचार के रिकॉर्ड और 190 मिलियन पाउंड के संबंध में रोक के आदेश पर पूछताछ की।इमरान से मांगा चंदे का हिसाबकई मुकदमों का सामना कर रहे इमरान खान सलमान सफदर, ख्वाजा हारिस, इंतजार पंजोथा और अन्य की कानूनी टीम के साथ एनएबी कार्यालय पहुंचे थे। इस बीच, पीटीआई प्रमुख इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी भी उनके साथ थी, लेकिन वह कार्यालय के बाहर कार में ही रुकी रहीं। सूत्रों के मुताबिक, पूर्व प्रधानमंत्री ने एनएबी अधिकारियों को बताया कि निगरानी संस्था को पहले ही अल-कादिर ट्रस्ट के रिकॉर्ड मिल चुके हैं। उन्होंने कहा कि 190 मिलियन पाउंड से संबंधित ऑर्डर का रिकॉर्ड कैबिनेट डिवीजन के पास था, और एनसीए के रिकॉर्ड तक उनकी पहुंच नहीं थी। सूत्रों ने कहा कि टीम ने पीटीआई प्रमुख से कहा है कि वह विश्वविद्यालय के सभी दानदाताओं के रिकॉर्ड के साथ-साथ उन्होंने खुद जो चंदा दिया है उसका रिकॉर्ड जमा करें।18 मार्च को हुई हिंसा में भी जमानत
इस बीच, इस्लामाबाद में नैब ने अल-कादिर ट्रस्ट मामले में पीटीआई प्रमुख की पत्नी बुशरा बीबी को गिरफ्तार करने से रोक दिया है तथा उन्हें अंतरिम जमानत दी। जियो न्यूज ने सूत्रों के हवाले से बताया कि एनएबी टीम ने खान से पंजाब उच्च शिक्षा के साथ विश्वविद्यालय की संबद्धता और सभी आरोपियों के ट्रस्ट तथा कंपनी के बीच ट्रस्ट डीड का रिकॉर्ड भी मांगा है। इमरान खान को एटीसी ने भी बड़ी राहत दी। मार्च में यहां न्यायिक परिसर में हुई हिंसा से जुड़े आठ मामलों में उन्हें आठ जून तक जमानत दे दी है। खान के खिलाफ ये मामले इस्लामाबाद के विभिन्न पुलिस थानों में तब दर्ज किए गए थे जब पुलिस और उनके समर्थकों के बीच झड़प हो गयी थी। पीटीआई प्रमुख के 18 मार्च को न्यायिक परिसर में एक अदालत के समक्ष पेश होने के दौरान ये झड़पें हुई थी।
आठ जून तक मिली राहत
ये झड़पें तब हुई थीं जब खान तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में सुनवाई में शामिल होने आए थे। खान मंगलवार को न्यायिक परिसर में आतंकवाद रोधी अदालत के समक्ष पेश होने के लिए लाहौर से राजधानी इस्लामाबाद आए। खान की पार्टी ने एक संदेश में बताया कि वकीलों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने उन्हें आठ मामलों में आठ जून तक जमानत दे दी है। वर्ष 1974 में स्थापित तोशाखाना, कैबिनेट डिवीजन के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत एक विभाग है। तोशाखाना में पाकिस्तानी शासकों, सांसदों, नौकरशाहों और अधिकारियों को अन्य देशों की सरकारों, राज्यों के प्रमुखों और विदेशी गणमान्य व्यक्तियों से मिले कीमती उपहारों को संग्रहित किया जाता है।