नई दिल्ली: अब आपको जल्द ही बिना चेक इन बैगेज (Check In Baggage) के हवाई यात्रा करने पर कम किराया देना पड़ेगा। अभी तक इस तरह की व्यवस्था विदेशों में एयरलाइन लोगों को दे रही हैं। जिसमें चेक इन बैगेज नहीं होने पर यात्रियों से कम किराया लिया जाता है। भारत में अभी यह सुविधा एयरलाइन अपने हिसाब से डिस्काउंट के तौर पर देती हैं। लेकिन अब जल्द ही भारत में भी सभी एयरलाइंस में यात्रियों को ये सुविधा मिलनी शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार के नागरिक उड्डयन महानिदेशक (Directorate General of Civil Aviation) से मिली सूचना के मुताबिक अब एयर ट्रांसपोर्ट सर्कुलर में बदलाव कर दिया गया है। डीजीसीए के ताजा फैसले के मुताबकि, शिड्युल एयरलाइंस के सर्विसेज ओर फीस को भी अनबंडल कर दिया गया है। मतलब कि कोई एयरलाइन यात्रियों से मील, स्नैक्स, ड्रिंक आदि का चार्ज अनिवार्य रूप से नहीं ले सकेंगे। नए नियमों के अनुसार, एयरलाइंस ये सब सुविधाएं अलग-अलग बेच सकती हैं। लेकिन ये सुविधाएं लेना आपके ऊपर है।
मान लीजिए आप कम सामान ले जा रहे हैं तो कम पैसे वाली टिकट ले सकते हैं। अगर आपको ज्यादा सामान ले जाना है तो आप जरा ज्यादा पैसे देकर ज्यादा सामान ले जाने की सुविधा चुन सकते हैं। यानी अगर आप विस्तार और एयर इंडिया जैसी फुल सर्विस कैरिअर से यात्रा कर रहे हैं तो आप चाहें तो मील या स्नैक्स चार्जेज का भुगतान नहीं भी कर सकते हैं। इंडिगो, स्पाइसजेट जैसे बजट एयरलाइन में पहले से ऐसी व्यवस्था है।
प्रीफर्ड सीट चार्ज वसूलने पर रोक
डीजीसीए के रिवाइज्ड सर्कुलर के मुताबिक, अपने माता-पिता या गार्जियन के साथ सफर करने वाले बच्चों से एक साथ सीट देने के लिए एयरलाइन कोई प्रीफर्ड सीट चार्ज नहीं वसूल सकती है। अब 12 साल या इससे कम उम्र के बच्चों को बिना शुल्क लिए उनके पेरेंट या गार्जियन के बगल में सीट अलॉट करना होगा। पहले ऐसा देखा गया था कि माता-पिता या अभिभावक के साथ यात्रा कर रहे बच्चों को साथ में सीट आवंटित करने के लिए एयरलाइन कुछ शुल्क वसूल लेती थी।
यात्रियों की बढ़ रही संख्या
देश में हवाई यात्रा करने वाले लोगों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। बीते 10 वर्षों में इसमें काफी उछाल आया है। रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2014 में घरेलू यात्रियों की संख्या करीब 60 मिलियन थी। वहीं अब यह बढ़कर करीब 143 मिलियन हो चुकी है। घरेलू यात्रियों ही नहीं इंटरनेशनल पैसेंजर्स की संख्या में भी काफी इजाफा हुआ है। साल 2024 में इंटरनेशनल पैसेंजर्स की संख्या बढ़कर 64 मिलियन हो चुकी है। यह पहले 43 मिलियन थी। यात्रियों की संख्या बढ़ने के साथ एयरक्राफ्ट्स की संख्या में भी इजाफा हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक, 10 साल पहले देश में करीब 400 एयरक्राफ्ट्स हुआ करते थे। अब यह संख्या बढ़कर 723 तक पहुंच गई है। ऐसे ही एयरपोर्ट्स की संख्या भी 74 से बढ़कर 150 तक पहुंच गई है।