मलेरिया के मामलों को निम्नतम स्तर तक ले जाकर पूर्ण मलेरिया मुक्त राज्य के लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रदेश में लगातार अभियान चलाया जा रहा है। एक दिसंबर से बस्तर संभाग के दंतेवाड़ा, बीजापुर, सुकमा और नारायणपुर में इस बीमारी के उन्मूलन को लेकर एक दिसंबर से मलेरियामुक्त अभियान का सातवां चरण शुरू होगा। लेकिन इसी बस्तर संभाग में शामिल बस्तर जिले को इस चरण से दूर रखा गया है।
इसका कारण यहां तय मानकों के अनुरूप मरीजों का नहीं पाया जाना है। जानकारी के मुताबिक बस्तर जिले में इस समय एक हजार मरीजों की जांच करने पर केवल 2 से 3 मरीज मिल रहे हैं। जो बस्तर संभाग के अन्य चार जिलों से काफी कम है। जनवरी 2020 से चल रहे मलेरियामुक्त बस्तर अभियान से जिला तेजी से मलेरिया उन्मूलन की ओर अग्रसर हो रहा है। अभियान की शुरुआत में वर्ष 2020 में 5 हजार 203 लोग इस बीमारी की चपेट में आए थे।
वहीं इसके छठवें चक्र में यह संख्या महज 740 में सिमट गई है। इस प्रकार 2019 में वार्षिक परजीवी सूचकांक(एपीआई) भी 7.29 फीसदी था जो अब कम होकर 3.04 फीसदी तक पहुंच गया है। जिला मलेरिया अधिकारी एस एस टीकाम ने बताया कि बस्तर जिले मे मलेरिया उन्मूलन को लेकर किए गए प्रयास काफी सार्थक साबित हुए। जिसके चलते एक दिसंबर से शुरू होने वाले सातवें चरण के अभियान में बस्तर जिले को शामिल नहीं किया गया है।
अभियान का बच्चों पर सबसे अधिक असर
मलेरिया मुक्त अभियान के तहत सघन जांच के कारण बच्चों में भी मलेरिया के मामलों में भारी कमी आई है। इस छठवें अभियान में मिले 828 मरीजों में से 427 बच्चे इस बीमारी से पीड़ित मिले। इतनी बड़ी संख्या में की गई जांच के बाद 500 से कम बच्चों के मलेरिया के पीड़ित पाए गए जो अब तक सबसे कम है।स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक जिले में पिछले पांच चरणों में चलाए गए अभियान में क्रमश: 2867, 2659, 1010, 792, 457 बच्चे इस बीमारी से पीड़ित मिले थे। जबकि छठवें चरण में केवल 427 बच्चे मिले हैं।
पिछले दो साल में मरीजों की स्थिति
जिला 2021 2022
बस्तर 3974 2109
बीजापुर 6843 4129
दंतेवाड़ा 6340 5227
नारायणपुर 2324 1452
पिछले साल 3974 तो इस साल अब तक 2901 मरीज
बस्तर जिले में मलेरिया अब जानलेवा साबित नहीं हो रहा है। करीब 5 साल पहले तक जहां इस बीमारी से करीब एक दर्जन से अधिक लोगों की मौत हो जाती थी तो वहीं करीब 7 से 10 हजार लोग इस बीमारी से पीड़ित होते थे। लेकिन अब ऐसा नहीं हो रहा है। हालत यह है कि अब मलेरिया के मरीजों की संख्या में लगातार कमी आने लगी है। इस बात का खुलासा स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के बाद सामने आया। जानकारी के मुताबिक पिछले साल वर्ष 2021 में इस बीमारी के 3974 मरीज मिले थे।।
जबकि इस साल सितंबर तक इस बीमारी के 2901 मरीज मिले हैं। इसके अलावा मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान कार्यक्रम के अंतर्गत पांचवें चरण में विभाग ने शहर से लेकर गांवों में 2 लाख 85 हजार 732 लोगों की जांच की थी जिसमें 759 लोग मलेरिया से पीड़ित पाए गए थे। जबकि छठवें चरण में विभाग ने अब तक के सारे रिकार्ड तोड़ते हुए 8 लाख 42 हजार 690 लोगों की जांच की। जिसमें केवल 828 लोग पॉजिटिव पाए गए थे।