कलेक्टर ने कहा कि ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्र में बिजली की आपूर्ति की समय सारणी निर्धारित कर दें। इस समय सारणी का व्यापक प्रचार-प्रसार कराएं जिससे किसानों को सिंचाई के लिए मिलने वाली बिजली की पूरी जानकारी हो। विभाग के सभी अधिकारी खेतों में जाकर धान का निरीक्षण करते हुए फोटो उपलब्ध कराएं। जब आप किसानों के पास जाएंगे तभी आपको वास्तविक स्थिति का एहसास होगा। कई स्थानों पर केबिल खराब होने से भी बिजली की आपूर्ति में बाधा आ रही है। ट्रांसफार्मरों तथा केबिल की आपूर्ति के लिए तत्काल वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क करें।
कलेक्टर ने कहा कि छोटी-मोटी तकनीकी बाधाओं को दूर कराकर बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करें। बिजली की आपूर्ति जब नियमित और संतोषजनक होगी तो लंबित बिलों की राशि भी आसानी से वसूल हो सकेगी। विभाग ने समय रहते बिजली की आपूर्ति में सुधार नहीं किया तो कभी भी कानून और व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। बैठक में कलेक्टर ने बिजली विभाग के अधिकारियों को सीएम हेल्पलाइन प्रकरणों के निराकरण के निर्दश दिए। बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी स्वप्निल वानखेड़े ने कहा कि ग्राम पंचायत सचिवों से लगातार ट्रांसफार्मर खराब होने की सूचनाएं आ रही हैं। विशेषकर जवा तथा त्योंथर क्षेत्र में बड़ी संख्या में ट्रांसफार्मर खराब हैं। इनमें सुधार कराएं।
बैठक में अधीक्षण यंत्री विद्युत मण्डल आईके त्रिपाठी ने कहा कि जिले में कुल 371 ट्रांसफार्मर विभिन्न कारणों से खराब हैं। इनको बदलने के प्रयास किए जा रहे हैं। इनमें से 50 ट्रांसफार्मर तीन दिन में बदल दिए जाएंगे। जवा तथा त्योंथर क्षेत्र में 72 ट्रांसफार्मर खराब हैं। जिले भर के ट्रांसफार्मरों के स्थान पर नए ट्रांसफार्मरों की व्यवस्था की जा रही है। विभाग में 25 केव्ही के ट्रांसफार्मर उपलब्ध हैं। 100 तथा 63 केव्ही के ट्रांसफार्मरों की कमी है। पूरे जिले में 179 करोड़ रुपए के बिल लंबित हैं। इसकी वसूली के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। बैठक में अपर कलेक्टर शैलेन्द्र सिंह, उप संचालक कृषि यूपी बागरी तथा बिजली विभाग के कार्यपालन यंत्री एवं कनिष्ठ यंत्री उपस्थित रहे।