रायपुर। राजधानी और उसके आसपास के इलाकों में अपराध और अपराधियों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले एक साल में 150 से अधिक नए बदमाशों की एंट्री हुई है। इनमें चाकूबाजी, मारपीट और हत्या जैसी गंभीर वारदातों को अंजाम देने वाले अपराधी शामिल हैं। पुलिस इन पर कार्रवाई के लिए अभियान चला रही है, लेकिन अपराधियों की गतिविधियां थमने का नाम नहीं ले रहीं।
हत्या के मामलों में 23% की वृद्धि
2023 की तुलना में 2024 में हत्या के मामलों में 23% वृद्धि हुई है। 2023 में जिले में 63 हत्याएं दर्ज की गई थीं, जबकि 2024 में यह संख्या बढ़कर 78 हो गई। पुलिस के लिए चिंता की बात यह है कि इनमें से 10 मामलों में अपराधी अब तक गिरफ्तार नहीं हो सके हैं। जनवरी महीने में ही जिले में 14 दिनों के भीतर आधा दर्जन से अधिक हत्याएं हो चुकी हैं।
सूखा नशा अपराध की बड़ी वजह
विशेषज्ञों के अनुसार, सूखा नशा और शराब का प्रचलन अपराध बढ़ने का बड़ा कारण है। नशे की हालत में बदमाश अपनी सुध-बुध खो बैठते हैं और गंभीर अपराधों को अंजाम देने से नहीं हिचकते। हाल ही में गुढ़ियारी इलाके में एक हत्या का मामला सामने आया था, जिसमें अपराधी सूखा नशा के प्रभाव में थे।
वर्चस्व की लड़ाई और बदमाशों की रंजिश
बदमाशों के बीच आपसी रंजिश और वर्चस्व की लड़ाई भी अपराध बढ़ने का कारण बन रही है। हाल ही में गुढ़ियारी क्षेत्र में एक हिस्ट्रीशीटर की हत्या और आजाद चौक में चाकूबाजी की घटना इसी वर्चस्व की लड़ाई का नतीजा थीं। पुलिस के लिए बदमाशों के बीच इन विवादों को रोकना बड़ी चुनौती है।
बदमाशों की बढ़ती संख्या: आंकड़े
पुलिस द्वारा 2024 में तैयार की गई नई सूची के अनुसार:
निगरानी बदमाश: 309
गुंडे बदमाश: 620
2023 में यह संख्या करीब 450 थी। नए बदमाशों में कई बाहरी राज्यों से आए अपराधी और अन्य जिलों के बदमाश शामिल हैं।
विशेषज्ञों की राय
सेवानिवृत्त एएसपी राजीव शर्मा ने सुझाव दिया कि पुलिस को न्यायालय के साथ समन्वय स्थापित कर आदतन अपराधियों की जमानत पर रोक लगानी चाहिए। उन्होंने बदमाशों की सामाजिक रूप से बेइज्जती करने और यूपी की तर्ज पर उनकी अवैध संपत्ति पर बुलडोजर चलाने की सिफारिश की। इसके साथ ही मादक पदार्थों का अवैध कारोबार करने वालों के बैंक खातों को फ्रीज और उनकी संपत्ति जब्त करने की जरूरत पर जोर दिया।
पुलिस की कार्रवाई जारी
सिटी एएसपी लखन पटले ने बताया कि पुलिस लगातार बदमाशों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है। समय-समय पर स्लम और ईडब्ल्यूएस इलाकों में छापेमारी की जा रही है। आदतन अपराधियों की थाना परेड और जिलाबदर जैसी कार्रवाई जारी है।
बढ़ते अपराध और बदमाशों की संख्या पर लगाम लगाना पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुका है। विशेषज्ञों और पुलिस अधिकारियों का मानना है कि सख्त कानूनी कार्रवाई और सामाजिक जागरूकता ही इसका समाधान हो सकता है।