रनवे, मिसाइल बेस, रेलवे और बहुत कुछ... लद्दाख से सिर्फ 400 किमी दूर LAC पर चीन ने क्या-क्या बना डाला
Updated on
01-06-2023 06:45 PM
बीजिंग : सैटेलाइट तस्वीरों के विश्लेषण से पता चलता है कि चीन ने 2020 से एलएसी के पास एयरफील्ड्स में बड़े पैमाने पर विस्तार किया है। उसने अपनी सेना के लिए बड़े स्तर के ऑपरेशन चलाने और कुछ क्षेत्रों में भारत से मुकाबला करने की क्षमता पैदा की है। मई 2020 में एलएसी पर सैन्य गतिरोध शुरू होने के बाद से चीन ने क्षेत्र में काफी बदलाव किया है। तस्वीरें दिखाती हैं कि चीन ने सैनिकों को तेजी से तैनात करने और आक्रामक क्षमताओं का निर्माण करने के लिए बड़े पैमाने पर हवाई क्षेत्र, हेलीपैड, रेलवे सुविधाएं, मिसाइल बेस, सड़कों और पुलों का विस्तार किया है।हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के अनुसार, होतान, न्गारी गुनसा और ल्हासा से ली गई प्लैनेट लैब्स की सैटेलाइट तस्वीरों के विश्लेषण से यह खुलासा हुआ है। तस्वीरें दिखाती हैं कि चीन ने नए रनवे का निर्माण करके इन सुविधाओं का विस्तार किया है, लड़ाकू विमानों की सुरक्षा के लिए मजबूत शेल्टर बनाए हैं और नए संचालन भवनों का निर्माण किया है। इन तीन चीनी एयरफील्ड्स को इनकी लोकेशन के चलते विश्लेषण के लिए चुना गया।
छह दशकों में सबसे खराब संबंध
भारत और चीन के बीच लंबे समय से चल रहे गतिरोध ने द्विपक्षीय संबंधों को छह दशक में सबसे निचले स्तर पर ला दिया है। जून 2020 में गलवान घाटी में एक क्रूर संघर्ष हुआ था जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे जबकि मारे गए चीनी सैनिकों की संख्या अज्ञात थी। यह 45 साल में एलएसी पर हुई पहली मौत थी। भारतीय अधिकारियों ने सैटेलाइट तस्वीरों के विश्लेषण पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है।
2020 में नहीं दिखा था कोई निर्माण
भारत ने इस साल द्विपक्षीय वार्ताओं और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बैठकों के दौरान यह साफ कर दिया है कि 'सामान्य द्विपक्षीय संबंधों के लिए एलएसी पर सामान्य स्थिति आवश्यक है।' दक्षिण-पश्चिम शिनजियांग में स्थित होतान एयरफील्ड केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख की राजधानी लेह से लगभग 400 किमी की दूरी पर एक सीधी रेखा में स्थित है। होतान एयरफील्ड का आखिरी विस्तार 2002 में हुआ था। जून 2020 की एक सैटेलाइट तस्वीर में एयरफील्ड के पास के क्षेत्र में कोई निर्माण या विकास नहीं दिखाया दिया था।