28 नवंबर 2022 को रोमानिया के बुखारेस्ट शहर में नाटो के विदेश मंत्रियों की एक बैठक हुई। इस बैठक के बाद रूस पर आरोप लगाया गया कि वो यूक्रेन जंग में ठंड को खतरनाक हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहा है।
नाटो के सेक्रेटरी जनरल ने चेताया कि अगर रूस रुका नहीं, तो यूक्रेन के हालात बदतर हो जाएंगे। हालांकि, ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है जब मौसम ने किसी युद्ध पर इस तरह का असर किया हो। नेपोलियन से लेकर हिटलर तक ने अपने कई दुश्मनों को हराया, लेकिन उन्हें ठंड के सामने घुटने टेकने पड़े।
इस स्टोरी में हम आपको बताएंगे कैसे ठंड का इस्तेमाल कर रूस यूक्रेन को और तबाही की ओर ले जा सकता है ? मौसम का युद्ध पर कैसे असर पड़ता है? युद्ध के मैदान की वो कहानियां जिसमें मौसम ने पलट दिया था नतीजा।
ठंड में बढ़ेंगी यूक्रेन की मुश्किलें
यूक्रेन में जैसे-जैसे तापमान गिरेगा वैसे-वैसे युद्ध के बीच फंसे लोगों के लिए जिंदगी जीना और मुश्किल हो जाएगा। वजह है रूस की तरफ से हो रहे मिसाइल अटैक। इन हमलों से पूरे यूक्रेन में एनर्जी सप्लाई को तबाह किया जा रहा है। इसके चलते पिछले हफ्ते कीव के 70% इलाके में बिजली-पानी नहीं था।
अमेरिकी इंटेलिजेंस एजेंसी का मानना है कि आने वाले ठंड के महीनों में यूक्रेन जंग धीमी पड़ेगी। वहीं यूक्रेन के मुताबिक रूस अपने हवाई हमलों में और तेजी ला सकता है। यूक्रेन की सदर्न डिफेंस फोर्सेस की प्रवक्ता नाटालिया गुमनेयुक ने कहा कि रूस पिछले हफ्ते की तरह यूक्रेन पर मिसइलों से एक बड़े हमले की तैयारी में है।
जाहिर है कि पिछले दिनों हुए एनर्जी सप्लाई पर हमले के असर से यूक्रेन अभी तक नहीं निकल पाया है। ऐसे में आगे भी अगर रूस इसी तरह के हमले करेगा तो वहां के लोगों की हालत और खराब होगी। जिसका फायदा रूसी सेना को आगे बढ़ने में मिलेगा।