स्वीडन: इस समय दुनिया की बड़ी ताकतों के बीच परमाणु बम रखने की होड़ मची हुई है। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सिपरी) की रिपोर्ट तो कम से कम ऐसा ही कहती है। थिंक टैंक की रिपोर्ट के मुताबिक इस समय पूरी दुनिया में करीब 12,512 हथियार हैं और सबसे ज्यादा जखीरा चीन के पास है। थिंक टैंक की सालाना रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्तमान समय में दुनिया मानव इतिहास का सबसे खतरनाक समय बन गई है। थिंक टैंक की रिपोर्ट में विशेषज्ञों ने कहा है कि एक बार फिर दुनिया में परमाणु हथियारों को जमा करने का ट्रेंड तेजी से बढ़ रहा है।हथियार जमा करने की होड़रिपोर्ट में लिखा है कि इस समय अंतरराष्ट्रीय संबंधों में उठापटक जारी है। ऐसे में हथियारों का भंडार भी बढ़ाया जा रहा है। अब वैश्विक स्तर पर एक अनुमान के मुताबिक 12,512 हथियार हैं। इनमें से 9,576 हथियार ऐसे हैं जो उपयोग के लिए तैयार हैं। एक साल पहले के आंकड़ों में इसमें 86 हथियारों का इजाफा हुआ है। हथियारों को जमा करने का जो ट्रेंड शीत युद्ध के समय था, इस समय वह फिर से लौट आया है।रिपोर्ट में कहा गया था कि शीत युद्ध के खत्म होने के बाद दुनिया में हथियारों को लेकर निराशा थी। इस वजह से उनके स्टोर करने की मंशा में कमी देखी गई थी। मगर अब ऐसा नहीं है। सिपरी के मुताबिक इस जखीरे में सबसे ज्यादा नए हथियार चीन के पास हैं। उसने अपने स्टोर में 60 नए हथियार जमा कर लिए हैं। जबकि रूस के पास 12, पाकिस्तान के पास पांच, उत्तर कोरिया के पास पांच और भारत के पास चार हथियार हैं।पांच शक्तियों की ताकत बढ़ी
वहीं संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के पांच स्थायी सुरक्षा सदस्यों- अमेरिका, रूस, चीन, यूके और फ्रांस ने पास अपने हथियारों की संख्या में इजाफा किया है। जबकि साल 2021 में इन्होंने बयान दिया था कि 'परमाणु युद्ध कभी जीता नहीं जा सकता और न ही इसे कभी लड़ा जाना चाहिए।' वहीं, रूस और अमेरिका के पास वैश्विक स्तर पर सभी परमाणु हथियारों का करीब 90 फीसदी हिस्सा है। दोनों शक्तियों के पास 1,000 से ज्यादा हथियाा हैं जिन्हें मिलिट्री से रिटायर कर दिया गया है। अब इन हथियारों को धीरे-धीरे खत्म किया जा रहा है।
चीन के हथियार कितने
इस समय दुनिया के पास मौजूद 12,512 हथियारों में वो भी शामिल हैं जिन्हें रिटायर कर दिश गया है। सिपरी का अनुमान है कि 3,844 हथियार ऐसे हैं जो मिसाइलों और विमानों के साथ तैनात हैं। रिपोर्ट के मुताबिक सिपरी का मानना है कि दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी परमाणु शक्ति चीन ने जनवरी 2022 में अपने हथियारों की संख्या 350 से बढ़ाकर जनवरी 2023 में 410 कर ली है। सिपरी को उम्मीद है कि चीन की संख्या में इजाफा होगा। मगर अमेरिका और रूस के हथियारों की संख्या सीमित रहेगी।