नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज फाइनेंशियल ईयर 2025-26 का बजट पेश किया। इसमें उन्होंने मिडिल क्लास को भारी राहत दी है। सीतारमण ने इनकम टैक्स की धारा 87ए के तहत नए टैक्स रिजीम में टैक्स छूट में बढ़ोतरी की घोषणा की है। इसके तहत अब 12 लाख रुपये तक की टैक्सेबल इनकम पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। नई कर व्यवस्था के तहत 75,000 रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। यानी 12.75 लाख रुपये तक की टैक्सेबल इनकम पर सैलरीड लोगों को कोई टैक्स नहीं देना होगा। अब तक 7 लाख रुपये तक की इनकम पर कोई टैक्स नहीं है। स्टैंडर्ड डिडक्शन को शामिल करने के बाद यह राशि 7.75 लाख रुपये हो जाती है।वित्त मंत्री ने अपनीभाषण में कहा, 'मुझे अब यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि 12 लाख रुपये तक की आय पर कोई इनकम टैक्स नहीं देना होगा। अब शून्य से चार लाख रुपये तक जीरो, 4 से 8 लाख रुपये तक 5%, आठ से 12 लाख रुपये तक 10%, 12 से 16 लाख रुपये तक 15%, 16 से 20 लाख रुपये तक 20%, 20 से 24 लाख रुपये तक 25% और 24 लाख रुपये से अधिक इनकम पर 30% टैक्स होगा। धारा 87A के तहत कर छूट पुरानी और नई दोनों कर व्यवस्थाओं के तहत दी जाती है।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स
Infomerics Ratings के चीफ इकनॉमिस्ट मनोरंजन शर्मा ने कहा कि बजट में वित्त मंत्री ने 12 लाख रुपये तक की इनकम पर टैक्स में छूट की घोषणा की थी। इसकी उम्मीद की जा रही थी। मिडिल क्लास महंगाई से त्रस्त है और उसकी डिस्पोजेबल इनकम सिकुड़ रही थी। देश की जीडीपी में पिछले कुछ तिमाहियों से सुस्ती दिख रही थी। इसकी सबसे बड़ी वजह यह बताई जा रही थी कि शहरी इलाकों में खपत घट रही थी। यही वजह है कि मिडिल क्लास को इनकम टैक्स में ज्यादा छूट देने की मांग की जा रही थी। मिडिल क्लास की डिस्पोजेबल इनकम बढ़ने से उनकी जेब में ज्यादा पैसा आएगा और इससे इकॉनमी को बूस्ट मिलेगा।