मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार को पंडित खुशीलाल आयुर्वेद महाविद्यालय में आईएफएस मीट का उद्घाटन करते हुए कहा कि भोपाल दुनिया का एकमात्र शहर है, जिसकी सड़कों पर दिन में आदमी और रात में टाइगर घूमा करते हैं। सह अस्तित्व का इससे अच्छा उदाहरण देश-दुनिया में कहीं और नहीं मिलता है। मैं काफी समय से देख रहा था कि रातापानी को लेकर कभी हम दो कदम आगे बढ़ते फिर दो कदम पीछे हट जाते। जब मैं इसे समझने बैठा तो पता चला कि इस मुद्दे पर जबरन ही हौवा बना रखा है।
कागज को खिलौने को सांप बताकर डराया जा रहा था। जिनके (शिवराज सिंह चौहान) क्षेत्र में प्रभाव पड़ रहा था वो भी डरे हुए थे, लेकिन समझ नहीं पा रहे थे। आप (आईएफएस अधिकारी) जो समझा रहे थे, पता नहीं क्यों वो (शिवराज सिंह) समझ नहीं पा रहे थे। पता नहीं कौन सा भूत खड़ा कर रखा था। 17 साल तक यह अटका रहा।
अब किंग कोबरा को वापस मप्र लाना है...
मुख्यमंत्री ने कहा-लेकिन, अब दूसरों को बताते हुए हमें खुशी होती है कि हमारा भोपाल देश की इकलौती ऐसी राजधानी है जहां टाइगर रिजर्व हैं। मप्र टाइगर हैं, चीते मोदी जी ले आए, हाथी अपने आप ही आ गए, लेकिन संभावनाएं अभी और भी हैं। किंग कोबरा हमारे यहां से गायब हो गया है, अब उसे वापस लाना है। मैं पिछली बार डिंडौरी का प्रभारी मंत्री था, वहां हर साल 200 लोगों की मौत सर्पदंश से हो जाती है।
सांपों की बढ़ती तादात को कंट्रोल में रखने के लिए किंग कोबरा का हमारे जंगल में वापस लौटना जरूरी है। जिस तरह टाइगर के आने पर दूसरे जानवर छिपकर भागते हैं, वैसे ही किंग कोबरा की आहट भर से तमाम सांप बिलों से निकलकर भागते हैं। अभी सांपों की गणना का कोई सिस्टम नहीं हैं, लेकिन भविष्य में ऐसा संभव हो सकता है, इसके बारे में आपको नई तकनीक विकसित करना चाहिए।