विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कनाडा की मीडिया पर भारत को बदनाम करने के आरोप लगाए हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने उन कनाडाई मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज किया है, जिनमें दावा किया था कि भारत ने कुछ कनाडाई नागरिकों को वीजा नहीं दिया।
दरअसल, हाल ही में कनाडा के मीडिया ने कुछ खबरें चलाई थीं जिनमें आरोप थे कि भारत वीजा पॉलिसी का गलत इस्तेमाल कर कनाडा के मामलों में दखल दे रहा है। भारत ने कई कनाडाई नागरिकों को खालिस्तानी एजेंडा का समर्थन करने की वजह से वीजा नहीं दिया। भारत सरकार वीजा पॉलिसी का इस्तेमाल कर उनके आतंरिक मामलों में दखल दे रही है।
इस पर भारत ने कनाडा की मीडिया पर गलत जानकारी के जरिए देश के आंतरिक मामलों में दखलंदाजी का आरोप भी लगाया। जयसवाल ने कहा, "हम कनाडा के मामलों में नहीं बल्कि वे हमारे मामलों में दखल दे रहे हैं।"
कनाडा के टोरंटो, ओटावा और वैंकूवर के कॉन्सुलेट मारे गए स्टूडेंट्स के परिजनों के संपर्क में हैं और उनकी पूरी मदद कर रहे हैं।
वहीं, भारत ने ये भी मांग की है कि कनाडा में भारत के खिलाफ जो गतिविधियां हो रही हैं, उनके खिलाफ वहां की सरकार कार्रवाई करे। खालिस्तानियों को राजनीतिक पनाह मिलनी बंद हो।
खालिस्तानियों के लिए भारत से रिश्ते क्यों बिगाड़ रहे ट्रूडो
कनाडा में अक्टूबर 2025 में संसदीय चुनाव हैं। खालिस्तान समर्थकों को कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की पार्टी का बड़ा वोट बैंक माना जाता है। हालांकि पिछले महीने ही ट्रूडो सरकार में शामिल खालिस्तान समर्थक जगमीत सिंह की NDP पार्टी ने अपना समर्थन वापस ले लिया है।
गठबंधन टूटने की वजह से ट्रूडो सरकार अल्पमत में आ गई थी। हालांकि 1 अक्टूबर को हुए बहुमत परीक्षण में ट्रूडो की लिबरल पार्टी को एक दूसरी पार्टी का समर्थन मिल गया था। इस वजह से ट्रूडो ने फ्लोर टेस्ट पास कर लिया था।
2021 की जनगणना के मुताबिक, कनाडा की कुल आबादी 3.89 करोड़ है। इनमें 18 लाख भारतीय हैं। ये कनाडा की कुल आबादी का 5% हैं। इनमें से 7 लाख से अधिक सिख है, जो कुल आबादी का 2% हैं।