इसको लेकर मुख्य सचिव अनुराग जैन की अध्यक्षता में सोमवार को हुई वरिष्ठ सचिव समिति में विचार किया गया। वहीं, कैबिनेट बैठक में वर्ष 2024-25 के प्रथम अनुपूरक बजट प्रस्ताव पर विचार कर अनुमोदन किया जाएगा। यह 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक का हो सकता है।
16 दिसंबर से प्रारंभ हो रहे विधानसभा के शीतकालीन सत्र में जिन संशोधन विधेयकों को प्रस्तुत किया जाना है, उन्हें अनुमोदन के लिए रखा जाएगा। इसमें नगर पालिका और नगर परिषद के अध्यक्ष के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाने के प्रविधान में अध्यादेश के माध्यम से परिवर्तन किया है।
अब तीन वर्ष की कालावधि के पहले प्रस्ताव प्रस्तुत नहीं किया जा सकता है और इसे पारित करवाने के लिए तीन चौथाई पार्षदों का समर्थन अनिवार्य किया गया है। यही प्रविधान नगर निगम के अध्यक्ष के लिए भी किया जा रहा है।
इसके साथ ही प्रदेश के वे स्थान जहां संपत्ति का पंजीयन कलेक्टर गाइड लाइन से अधिक दरों पर हो रहा है, वहां की दरें बढ़ाया जाना प्रस्तावित किया गया है। इसके लिए सभी जिलों से प्रस्ताव बुलाकर केंद्रीय मूल्यांकन समिति द्वारा हरी झंडी दी जा चुकी है। अब इस मामले को कैबिनेट के समक्ष अंतिम निर्णय के लिए रखा जाएगा।
वर्तमान वित्तीय वर्ष में विभागों को निर्धारित बजट प्रविधान से अतिरिक्त राशि की आवश्यकता को देखते हुए 17 दिसंबर को विधानसभा में प्रथम अनुपूरक बजट प्रस्तुत होगा। यह 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक का रहेगा। इसमें जल जीवन मिशन सहित अधोसंरचना विकास के लिए निर्माण विभागों को अतिरिक्त राशि दी जाएगी।