मध्य प्रदेश में 8 साल से बंद पदोन्नति शुरू करने, केंद्रीय तिथि से महंगाई भत्ता और महंगाई राहत देने सहित 46 मांगों को लेकर मध्य प्रदेश अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने शुक्रवार को मुख्य सचिव को नोटिस देकर चरणबद्ध आंदोलन का ऐलान कर दिया है। कर्मचारी 16 जनवरी 2025 को मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव के नाम कलेक्टरों और 24 जनवरी को प्रभारी मंत्री, सांसद, विधायकों को ज्ञापन सौपेंगे। इसके बाद भी सरकार ने मांगों पर ध्यान नहीं दिया, तो 7 फरवरी से प्रदर्शन की शुरूआत होगी। इस दिन सभी जिलों में कलेक्टोरेट के सामने प्रदर्शन किया जाएगा।
मुख्य सचिव को ज्ञापन सौंपने पहुंचे मोर्चा के अध्यक्ष एमपी द्विवेदी, एसबी सिंह, महेन्द्र शर्मा, डीके यादव, सतीश शर्मा, सुभाष वर्मा, एलएन कैलाशिया, विमलेश रजक, सुभाष शर्मा, सुरेन्द्र निगम, एसएस सोलंकी, रियाज मोहम्मद खान ने अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में सभी संवर्ग के कर्मचारियों की मांगें अधूरी हैं। प्रत्येक संगठन समय-समय पर प्रदर्शन-आंदोलन करता है, पर मांगें पूरी नहीं हो रही हैं। नेताओं ने कहा कि सरकार का यह व्यवहार अब स्वीकार नहीं है। इसलिए चरणबद्ध आंदोलन का ऐलान कर रहे हैं।
मोर्चा के अध्यक्ष द्विवेदी ने बताया कि 16 जनवरी को जिला मुख्यालयों के साथ भोपाल में सतपुड़ा भवन के समक्ष धरना प्रदर्शन किया जाएगा। चौथे चरण में 16 फरवरी को प्रदेश के अधिकारी कर्मचारी एवं पेंशनर आंबेडकर पार्क में प्रांत व्यापी धरना देंगे। इसके बाद भी सरकार ने मांगें पूरी नहीं कीं, तो आंदोलन आगे बढ़ेगा और हड़ताल का ऐलान किया जाएगा।
कर्मचारियों के विभिन्न संवर्गों की मांगें
मई 2016 से बंद राज्य के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की पदोन्नति शुरू की जाएं।
विभागाध्यक्ष कार्यालयों के लिपिकों को मंत्रालय के समान समयमान वेतनमान दें।
अनुकंपा नियुक्ति पाने वाले कर्मचारियों के लिए सीपीसीटी में सरलीकरण करें।
सातवें वेतनमान अनुसार गृह भाड़ा भत्ता दें।
लिपिकों को ग्रेड-पे 1900 के स्थान पर 2400 करें।
केंद्रीय तिथि से शेष 3 प्रतिशत महंगाई भत्ता एवं महंगाई राहत दें।
साल 2005 के बाद नियुक्त 2.59 लाख कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन बहाल करें।
नव नियुक्ति कर्मचारियों को 70, 80, 90 प्रतिशत स्टापेड के स्थान पर नियुक्ति दिनांक से संबंधित पदों का वेतनमान दें।
पेंशनरों के लिए धारा-49 (6) समाप्त कर छत्तीसगढ़ सरकार की सहमति लेने का बंधन खत्म करें।
सेवानिवृत्ति की आयु सीम एक समान करें।
सभी अधिकारियों-कर्मचारियों के लिए कैशलेश स्वास्थ्य बीमा लागू करें।
भृत्य का पदनाम परिवर्तित किया जाए।
निगम मंडलों के कर्मचारियों की मांगों का निराकरण करें।
आउटसोर्स कर्मचारियों को नियमित करें।
टैक्सी प्रथा बंद करें। रिक्त पद भरे जाएं।
कार्यभारित कर्मचारियों के सेवानिवृत्त होने पर अवकाश नगदीकरण का लाभ दें।
नवीन शिक्षक संवर्ग को नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता एवं नियमित शिक्षक संवर्ग को 35 वर्ष बाद चतुर्थ समयमान वेतनमान का लाभ, क्रमोन्नति दें।