दो साल पहले G20 में भिड़े थे रूस-अमेरिका:भारत ने 300 बैठक, 200 घंटे की बातचीत के बाद जारी कराया डिक्लेरेशन

Updated on 19-11-2024 01:05 PM

इस दिन इंडोनेशिया की मेजबानी में G20 समिट का आखिरी दिन था। साझा घोषणा पत्र जारी होना था, लेकिन तभी यूक्रेन जंग को लेकर अमेरिका और रूस के बीच तनातनी हो गई। 15 दौर की बातचीत के बाद भी घोषणा पत्र जारी करने पर सहमति नहीं बन पाई।

समिट का घोषणा पत्र जारी करने से पहले ही रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव चले गए। इसके बाद पश्चिमी देशों ने अपने मुताबिक बाली घोषणा पत्र जारी किया। पहली बार सभी राष्ट्र प्रमुखों का एक साथ फोटो नहीं लिया जा सका।

पिछले साल भारत के सामने भी यही चुनौती थी, लेकिन भारत ने घोषणा पत्र में सभी देशों की 100% सहमति बना ली। नई दिल्ली घोषणा पत्र में यूक्रेन पर रूसी आक्रमण का जिक्र करने से परहेज किया गया।

हालांकि, ये इतना आसान नहीं था। सहमति बनाने के लिए भारतीय राजनयिकों की टीम ने 300 से ज्यादा बैठकें कीं। 200 घंटे से ज्यादा नॉन-स्टॉप बातचीत की। इसके बाद घोषणा पत्र तैयार हुआ। यह बात इसलिए भी अहम है, क्योंकि किसी भी समिट को तब सफल माना जाता है जब उसका साझा घोषणा पत्र जारी हो।

सबसे पहले जानिए कैसे बना G20 संगठन…

2008 में आया आर्थिक संकट (फाइनेंशियल क्राइसिस) पूरी दुनिया को याद है। इससे ठीक 11 साल पहले 1997 में एशिया में भी एक आर्थिक संकट आया था। इसे एशियन फाइनेंशियल क्राइसिस के नाम से जाना जाता है। ये संकट थाईलैंड से शुरू होकर एशिया के दूसरे देशों में भी फैल गया।

मंदी की वजह से आसियान देशों पर उनकी GDP की तुलना में 167% तक का कर्ज बढ़ गया। भारी संख्या में लोग बेरोजगार हो गए। क्राइसिस के शुरुआती 6 महीनों में ही इंडोनेशिया की करेंसी की कीमत 80% और थाईलैंड की करेंसी की कीमत डॉलर की तुलना में 50% तक गिर गई।

इसका असर विकसित देशों पर न पड़े, इसके लिए G7 देशों ने एक बैठक की और एक ऐसा मंच तैयार करने का फैसला किया जहां वैश्विक अर्थव्यवस्था से जुड़े मुद्दों को डिस्कस किया जा सके। तब G20 की शुरुआत हुई। उन देशों की पहचान की गई जिनकी अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही थी, या जिनमें तेजी से बढ़ने की कैपेसिटी थी। सभी को एक मंच पर लाया गया। 2007 तक केवल सदस्य देशों के वित्त मंत्री इसकी बैठकों में शामिल होते थे। हालांकि 2007 और 2008 में पश्चिमी और धनी देशों में आई फाइनेंशियल क्राइसिस ने उन्हें मजबूर कर दिया कि वो बातचीत को राष्ट्राध्यक्षों के स्तर तक ले जाएं।  तब से हर साल सभी सदस्य देशों के नेता एक मंच पर आकर अहम मुद्दों को डिस्कस करते हैं। शुरुआत में अमेरिका ने इस बात का विरोध किया था। हालांकि समय की नजाकत को देखते हुए बाद में वो शिखर के सम्मेलन के लिए तैयार हुआ। G20 देशों का पहला शिखर सम्मेलन वॉशिंगटन डीसी में ही हुआ।

G20 की अब तक कुल 18 बैठकें हो चुकी हैं। ब्राजील में G20 की 19वीं बैठक हो रही है। G20 में मेंबर देशों के अलावा हर साल अध्यक्ष देश, कुछ देशों और संगठनों को मेहमान के तौर पर भी आमंत्रित करते हैं।

G20 का काम क्या है?

शुरुआत में G20 का फोकस अर्थव्यवस्था से जुड़े मामले पर चर्चा करना था। लेकिन समय के साथ इसका दायरा बढ़ता चला गया। अब G20 की मीटिंग में स्वास्थ्य, कृषि, ऊर्जा, पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन और भ्रष्टाचार रोकने पर भी चर्चा होती है।

G20 की अध्यक्षता कैसे तय होती है? 

G20 की अध्यक्षता हर साल सदस्यत देशों के बीच घूमती रहती है। इसका आयोजन कहां होना है, इसका फैसला ट्रोइका यानी कि एक तिकड़ी से तय होता है। तिकड़ी में पिछले, वर्तमान और भविष्य के अध्यक्ष देश शामिल होते हैं। इस बार भारत, ब्राजील और इंडोनेशिया का एक ट्रोइका है। 2023 में भारत में G20 समिट का आयोजन हुआ। 2024 में ब्राजील में आयोजन हो रहा है। 2025 में दक्षिण अफ्रीका में G20 के आयोजन के साथ ही इस तिकड़ी का समापन हो जाएगा। दक्षिण अफ्रीका में इसके आयोजन के साथ हर देश को G20 की अध्यक्षता मिल चुकी होगी। इसके बाद 2026 से फिर से अमेरिका को G20 की अध्यक्षता मिल जाएगी। अमेरिका इकलौता ऐसा देश है जो दो बार (2008, 2009) में G20 की मेजबानी कर चुका है। शुरुआती दौर में एक साल 2 बार G20 के आयोजन हुए। हालांकि 2011 से इसका आयोजन साल में एक बार हो रहा है।

नई दिल्ली डिक्लेरेशन में खास क्या था

यूक्रेन युद्ध का जिक्र नहीं था। इसमें अपील की गई कि हर देश अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन करते हुए दूसरे देश की क्षेत्रीय अखंडता, संप्रभुता एवं अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का पालन करेंगे।

नई दिल्ली G20 डिक्लेरेशन (घोषणा पत्र) में सभी देशों ने किसी भी तरह के आतंकवाद की निंदा की।

इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकॉनोमिक कॉरिडोर का ऐलान किया गया। इसमें भारत, UAE, सऊदी अरब, यूरोपीय यूनियन, फ्रांस, इटली, जर्मनी और अमेरिका हैं।

दुनिया में तेजी से विकास करने वाले शहरों को फंड देने पर सममति बनी।

ग्लोबल साउथ की प्राथमिकताओं पर जोर देने की बात हुई।



अन्य महत्वपुर्ण खबरें

 23 December 2024
अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में रविवार को एक महिला की मेट्रो में आग लगाकर हत्या कर दी गई। पुलिस ने हत्या के एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। न्यूयॉर्क पुलिस…
 23 December 2024
सीरिया के पूर्व राष्ट्रपति बशर अल असद की पत्नी अस्मा अल असद ने तलाक के लिए अर्जी दी है। इजराइली अखबार यरुशलम पोस्ट के मुताबिक, सीरिया की सत्ता से बाहर…
 23 December 2024
डोनाल्ड ट्रम्प के राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद से विपक्षी नेता आरोप लगा रहे हैं कि इस सरकार में राष्ट्रपति की असल ताकत इलॉन मस्क के पास होगी। कुछ लोगों…
 21 December 2024
अमेरिकी सरकार के पास देश चलाने के लिए फंड खत्म हो चुका है। सरकार को फंडिंग करने वाला बिल गुरुवार को अमेरिकी संसद से पास नहीं हो पाया। इस बिल…
 21 December 2024
बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस के सलाहकार महफूज आलम के विवादित पोस्ट पर भारत ने शुक्रवार को कड़ी आपत्ति जताई है। महफूज ने 16 दिसंबर को एक…
 21 December 2024
जर्मनी के मैगडेबर्ग शहर में शुक्रवार को क्रिसमस मार्केट में एक शख्स ने लोगों पर कार चढ़ा दी। घटना में दो की मौत हो गई और 68 लोग घायल हो…
 21 December 2024
अमेरिकी संसद के निचले सदन हाउस ऑफ रेप्रेसेंटेटिव से शुक्रवार को एक अस्थायी फंडिग बिल पारित हो गया है। इससे आखिरी वक्त में गवर्नमेंट शटडाउन टल गया है। अगर यह…
 20 December 2024
पाकिस्तान की तरफ से कुछ दिन पहले यूनाइटेड नेशंस जनरल असेंबली (UNGA) की थर्ड कमेटी में वार्षिक रिजॉल्यूशन पेश किया गया था। इस रिजॉल्यूशन को बिना वोटिंग के ही स्वीकार…
 20 December 2024
अमेरिका ने बुधवार को पाकिस्तान पर लंबी दूरी वाली बैलिस्टिक मिसाइलें बनाने का आरोप लगाया। मिसाइल प्रोग्राम से जुड़ी पाकिस्तान की 4 कंपनियों पर बैन लगाया है। इनमें पाकिस्तान की…
Advt.