उत्तर बस्तर कांकेर । जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. डी.के. रामटेके के मार्गदर्शन में विश्व मलेरिया दिवस पर जिला स्तर पर शासकीय नरहरदेव उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय अंग्रेजी मीडियम कांकेर में मलेरिया की संगोष्ठी एवं क्विज प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें विजयी प्रतिभगियों को सम्मानित किया गया। इस दौरान मलेरिया नियंत्रण एवं रोकथाम के उपायों के बारे में विद्यार्थियों को बताया गया।
कार्यक्रम में जिला मलेरिया सलाहकार ने बताया कि मलेरिया एक संक्रामक रोग है जो मलेरिया संक्रमित व्यक्ति को मादा एनोफिलीज मच्छर के काटने से मलेरिया का संक्रमण होता है। इसके लिए मलेरिया संक्रमित व्यक्ति को आर.डी. कीट से तुरन्त जांच करवाकर एसीटी के समूल उपचार देकर संक्रमण को खत्म करना है। उन्होंने कहा कि आर.डी. कीट द्वारा मलेरिया की जांच एवं उपचार हर मजरे, पारे, टोले मे मितानिन के पास उपस्वास्थ्य केन्द्र एवं सभी सरकारी अस्पताल में निःशुल्क उपलब्ध है। साथ ही मलेरिया से संबंधित विस्तृत जानकारी दी गई है।
मलेरिया के लक्षणः- ठण्ड लगकर तेज बुखार आना, सिरदर्द, बदन में दर्द एवं जोड़ों में दर्द, भूख न लगना एवं उल्टी होना, पसीने के साथ बुखार का उतर जाना, प्रतिदिन, एक या दो दिन के अंतराल में बार-बार बुखार आना मलेरिया के लक्षण है।
जटिल मलेरिया के लक्षणः- बड़बड़ाना, झटके आना, पीलिया, खून की कमी, बेहोशी या मूर्छा की स्थिति, सांस लेने मे तकलीफ फेफड़ों मे सूजन के कारण, पेशाब मे खून आना, गुर्दों का ठीक से काम नहीं करना।
मलेरिया से बचने के उपायः-
अपने आस-पास मच्छर पैदा होने वाले जमा पानी की निकासी करें, यदि ज्यादा पानी एकत्र हो वहां मच्छर लार्वाभक्षी गम्बुजिया मछली पालें। घर के सभी कमरों में मच्छररोधी दवा का छिड़काव करवायें। सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें। बुखार होने पर नजदीकी मितानिन, स्वास्थ्य कार्यकर्ता से सम्पर्क कर आर.डी. कीट से तुरन्त खून की जांच करवायें एवं एसीटी का समूल उपचार लेवें।