भोपाल के टाइगर मूवमेंट एरिया में नगर निगम ने स्ट्रीट लाइट चालू कर दी है। इससे बाघ और इंसानों के आमना-सामना होने का खतरा बढ़ गया है। एक्सपर्ट की मानें, तो अभी मिडोंरा से कलियासोत तक दो एडल्ट टाइगर का मूवमेंट है। चंदनपुरा, कलियासोत डैम, वाल्मी के आसपास भी बाघ घूमते हैं। ऐसे में मॉर्निंग, ईवनिंग करने वालों के लिए खतरा बढ़ गया है।
बाघ मित्र राशिद नूर ने बताया, 'अमरनाथ कॉलोनी से चंदनपुरा के बीच और वाल्मी से बुल मदर फॉर्म के बीच स्ट्रीट लाइट चालू की गई हैं। इन्हीं इलाकों में लोग वॉक करते हैं। स्ट्रीट लाइट चालू होने से लोगों की संख्या बढ़ेगी। इससे वे बाघ मूवमेंट वाले क्षेत्र तक चले जाएंगे।'
बाघ मित्र नूर के मुताबिक, 'जहां निगम ने लाइट चालू की है, वहां रहवासी इलाका नहीं है। वन विभाग की टीम पेट्रोलिंग भी करती है। यहां अक्सर बाघों का मूवमेंट देखने को मिल चुका है। अब लोगों को घूमने के लिए रोकना बड़ी चुनौती हो जाएगा।' एमआईसी मेंबर राजेश हिंगोरानी ने कहा, 'लोगों की सुविधा के लिए स्ट्रीट लाइट चालू की जाती है। इस मामले में कोई आपत्ति नहीं आई है। फिर भी इसकी जानकारी ली जाएगी।'
मिंडोरा-कलियासोत के आसपास दो बाघ भोपाल के मिंडोरा से कलियासोत तक और आसपास इन दिनों दो एडल्ट बाघों का मूवमेंट बना हुआ है। इसे देखते हुए वन विभाग ने पेट्रोलिंग बढ़ा दी है और लगातार मुनादी (अनाउंसमेंट) कराई जा रही है कि जंगल तरफ कोई नहीं जाए। ग्रामीणों को सलाह दी जा रही है कि वे अपने मवेशियों को भी इस तरफ जाने न दें। मैदानी अमले का कहना है कि तकरीबन ढाई-ढाई साल के दो नर बाघ अपनी मां की सुरक्षित टेरिटरी में ही कब्जा जमाए हुए हैं।
कोई दमदार बाघ आया, तो हो सकती है फाइट मैदानी अमले का कहना है कि वयस्क होने पर बाघ अपनी मां का इलाका छोड़ देते हैं, लेकिन ये बाघ मां की सुरक्षित टेरेटरी को छोड़कर नहीं जाना चाहते। यह चिंता का विषय है। अमले का कहना है कि यदि यहां पर कोई दमदार बाघ आ गया, तो कहीं वह टेरिटोरियल फाइट में इन वयस्क बाघों को जंगल के बाहर न खदेड़ दे।