14 सितम्बर को प्रात: 5 बजे उक्त शावक पुन: बिछुड़ कर ग्रामीण क्षेत्र में वापस लौट आया। जिसे वन अमले एवं पशु चिकित्सकों की निगरानी में सुरक्षित रखा गया। प्रात: 8.30 बजे पुन: हाथी दल की उपस्थिति में निकटतम वन में ज्ञात करने के लिए ट्रेकिंग की गई। ट्रेकिंग दल द्वारा वन में हाथी दल को देखने के उपरांत शावक का पुन: स्वास्थ्य परीक्षण करा कर हाथी शावक को नजदीकी वन क्षेत्र जिसके पास हाथी दल मौजूद था के पास ले जाया गया। शावक द्वारा आवाज करने पर हाथी झुड़ से भी निरंतर आवाज आने लगी और शावक हाथी दल के पास चला गया एवं हाथी दल में शामिल हो गया। इसके बाद वन अमले एवं हाथी मित्र दल द्वारा हाथी दल की सतत् निगरानी रखी गई।
आश्चर्य की बात यह है कि शावक 15 सितम्बर को प्रात: 5.45 बजे ग्राम साको में पुन: देखा गया। हाथी शावक को वन अमले द्वारा अपने अभिरक्षा में लेने के उपरांत पशु चिकित्सकों द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। इस दौरान उन्हें शावक के अम्बिलिकल में सूजन दिखाई दिया। जिसका उपचार तत्काल प्रारम्भ कर दिया गया। वन अमले एवं हाथी मित्र दल द्वारा हाथी दल की उपस्थिति ज्ञात करने हेतु लगातार ट्रेकिंग किया जा रहा है। ट्रेकिंग के दौरान 17 सितम्बर को ज्ञात हुआ है कि हाथियों का झुंड उड़ीसा राज्य की ओर निकल गया है। इस दौरान शावक का स्वास्थ्य परीक्षण एवं उसका देख-रेख पशुचिकित्सकों द्वारा किया जा रहा है।
हाथी शावक को परिसर में सुरक्षित अभिरक्षा में रखा गया है। उसी परिसर में दोनो पशु चिकित्सक निरंतर उपस्थित रह कर शावक की देख-रेख कर रहे है। हाथी शावक का पूरा-पूरा ख्याल रखा जा रहा है एवं वन अमले द्वारा सतत् निगरानी रखी जा रही है। पशु चिकित्सकों की सलाह एवं सुझाव पर शावक को आहार दिया जा रहा है।