अमेरिका में टीवी का सुनहरा दौर खत्म होता नजर आ रहा है। 2019 के मुकाबले करीब 40% दर्शकों ने टीवी देखना छोड़ दिया है। यूट्यूब-फेसबुक जैसी बड़ी कंपनियों ने भी अपनी टीवी परियोजनाएं बंद कर दी हैं। धारावाहिक बनाने वाली ज्यादातर कंपनियां कर्ज में डूब गई हैं। इस साल के शुरू में दिए गए 350 से ज्यादा नए टीवी कार्यक्रमों के ऑर्डर कैंसिल कर दिए गए हैं।
6 महीनों में दर्शकों की संख्या 24% कम हुई
अमेरिका
की प्रख्यात रिसर्च फर्म एम्पीयर एनालिसिस की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले
साल की तुलना में इस साल के शुरुआती 6 महीनों में दर्शकों की संख्या 24% तक
कम हो गई। दशक में पहली बार नेटफ्लिक्स के दर्शकों की संख्या भी घट गई है।
एंटरटेनमेंट कंपनियों के शेयर गिर गए हैं।
एंपीयर में शोध प्रबंधक फ्रेड ब्लैक कहते हैं- कंपनियों ने अपने केबल बिजनेस के घाटे को स्ट्रीमिंग के जरिए पूरा करने की कोशिश की, लेकिन खास सफलता नहीं मिली। डिज्नी जैसी कंपनी को ही अपने स्ट्रीमिंग डिवीजन से 12.5 हजार करोड़ रुपए का घाटा हुआ। कंपनी ने CEO बॉब शैपेक को हटा दिया। अब गूगल, एपल, अमेजन और ESPN जैसी कंपनियां NFL गेम्स की स्ट्रीमिंग करना चाहती हैं।
विज्ञापन घटे, कर्मचारियों को नौकरी से निकाला जा रहा
एंटरटेनमेंट
कंपनियों ने विज्ञापन दरें भी घटा दी हैं। तमाम कंपनियों ने कर्मचारियों
को नौकरी से निकाल दिया है। अन्य खर्च में भी कटौती कर रही हैं। एपल टीवी+
सीरीज के निर्माता जे कार्सोन कहते हैं- मेरे पास अभी कई प्रोजेक्ट हैं,
लेकिन एंटरटेनमेंट बाजार अचानक से खत्म हो रहा है।
NBC एंटरटेनमेंट एंड वार्नर मीडिया के पूर्व चेयरमैन रोबर्ट ग्रीनब्लैट कहते हैं, 4-5 साल पहले तक टीवी का दौर चरम पर था। फोन पर कार्यक्रमों के ऑर्डर दे दिए जाते थे। वार्नर ब्रोस डिस्कवरी, पैरामाउंट समेत सिर्फ 3 बड़ी कंपनियों के टीवी कार्यक्रमों के ऑर्डर 22-27% कम हो गए हैं। अब लोगों का स्क्रिप्टेड धारावाहिकों से मोहभंग हुआ है।
भारत में भी टीवी के दर्शक 2021 में प्रीकोविड से भी कम
अमेरिका
में ही नहीं भारत में भी टीवी के दर्शक घट रहे हैं। स्टैटिस्टा की रिपोर्ट
के अनुसार, कोरोना से पहले 2018 में करीब 1.60 लाख करोड़ एवरेज मिनट
ऑडियंस (AMA) थे। 2019 में 1.61 लाख करोड़ AMA, 2020 में 1.73 लाख करोड़,
जबकि 2021 में करीब 1.59 लाख करोड़ AMA रह गए। 2020 में बढ़ी दर्शकों की
संख्या की वजह लॉकडाउन था।