महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ब्रिटेन की सबसे लंबे वक्त तक शासन करने वाली शासक रहीं. उनका जन्म साल 1926 में हुआ था. महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के बाद अब उनके बेटे चार्ल्स (उम्र 73 साल) ब्रिटेन के नए राजा बनाए गए हैं.
21 अप्रैल 1926 को क्वीन एलिजाबेथ का जन्म हुआ था. उस वक्त ब्रिटेन में किंग जॉर्ज पंचम का राज था. एलिजाबेथ के पिता किंग जॉर्ज छह भी बाद में ब्रिटेन के राजा बने थे. क्वीन एलिजाबेथ का पूरा नाम एलिजाबेथ एलेक्जेंडरा मैरी विंडसर था.
episodic mobility से जूझ रही थीं महारानी
शाही परिवार के मुताबिक, महारानी episodic mobility की दिक्कत से जूझ रही थीं. इसमें उनको खड़े होने और चलने में परेशानी होती थी. महारानी एलिजाबेथ-II को इसी साल फरवरी में कोरोना भी हो गया था. एलिजाबेथ की तबीयत गुरुवार को खराब हो गई थी. इसके बाद से वे डॉक्टरों की देखरेख में थीं.
70 साल तक किया शासन
महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ब्रिटेन की सबसे लंबे वक्त तक शासन करने वाली शासक रहीं. एलिजाबेथ ने 70 साल शासन किया. उनके शासनकाल में ब्रिटेन को 15 प्रधानमंत्री मिले. महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के बाद अब उनके बेटे चार्ल्स (उम्र 73 साल) ब्रिटेन के नए राजा बनाए गए हैं. एलिजाबेथ II सिर्फ ब्रिटेन ही नहीं बल्कि 14 और देशों की रानी रहीं .
ड्यूक फिलिप से हुई थी एलिजाबेथ द्वितीय की शादी
1947 में एलिजाबेथ द्वितीय ने एडिनबर्ग के ड्यूक फिलिप से शादी की थी. डेनमार्क और ग्रीस के राजकुमार, प्रिंस फिलिप का जन्म 1921 में हुआ था और उन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध में ब्रिटिश रॉयल नेवी में सेवा दी थी. 2017 में वह अपने शाही कर्तव्यों से सेवानिवृत्त हुए. उनका निधन 2021 में हुआ था. दोनों के चार बच्चे हुए: चार्ल्स, ऐनी, एंड्रयू और एडवर्ड. अब उनके बड़े बेटे चार्ल्स (उम्र 73 साल) ब्रिटेन के राजा बन गए हैं.
ऑपरेशन यूनिकॉर्न शुरू
स्कॉटलैंड में महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के बाद ऑपरेशन यूनिकॉर्न शुरू कर दिया गया. महारानी के निधन से अंतिम संस्कार के बीच के 10 दिनों के दौरान होने वाले कार्यक्रमों के प्रबंधन के लिए ऑपरेशन लंदन ब्रिज तैयार किया गया था. लेकिन बाद में स्कॉटलैंड में रानी की मौत के बाद ऑपरेशन का नाम स्कॉटलैंड के राष्ट्रीय पशु के नाम पर यूनिकॉर्न रखा गया. नए राजा चार्ल्स समेत रॉयल फैमिली के बाकी सदस्य भी बाल्मोरल पहुंच गए हैं. एलिजाबेथ द्वितीय के अंतिम संस्कार की तैयारी शुरू होते ही नए राजा के आधिकारिक ताजपोशी की भी तैयारी शुरू हो जाएगी.
वेस्टमिंस्टर एब्बे में होगा अंतिम संस्कार
स्कॉटलैंड की संसद को सस्पेंड कर दिया गया है. महारानी के शव को पहले रॉयल ट्रेन से एडिनबर्ग लाया जाएगा. अगले दिन उनके ताबूत को रॉयल माइल से सेंट जाइल्स कैथेड्रल तक ले जाया जाएगा. यहां शाही परिवार के सदस्य और आम जनता उन्हें श्रद्धांजलि दे सकेगी. इसके बाद उनके शव को फिर से रॉयल ट्रेन में रखकर बकिंघम पैलेस लंदन लाया जाएगा. हो सकता है कि महारानी के शव को हवाई मार्ग से भी लंदन लाया जा सकता है. लंदन में प्रधानमंत्री और कैबिनेट के सदस्य उनके शव को रिसीव करेंगे. बकिंघम पैलेस में उनके शव को रखने के बाद से 8 दिन और आधिकारिक शोक रहेगा. इसके बाद वेस्टमिंस्टर एब्बे में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.
भारत ने जताया दुख
पीएम मोदी ने एलिजाबेथ के निधन पर शोक जताया. उन्होंने ट्वीट किया, महामहिम महारानी एलिजाबेथ द्वितीय को हमारे समय की एक दिग्गज के रूप में याद किया जाएगा. उन्होंने अपने राष्ट्र और लोगों को प्रेरक नेतृत्व प्रदान किया. उन्होंने सार्वजनिक जीवन में गरिमा और शालीनता का परिचय दिया. उनके निधन से आहत हूं.
वहीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन पर दुख जताया. उन्होंने लिखा- एक युग बीत चुका है जब से उन्होंने अपने देश को 7 दशकों से अधिक समय तक चलाया. मैं ब्रिटेन के लोगों के दुख को साझा करती हूं और परिवार के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करती हूं.