पाकिस्‍तान में टीटीपी आतंकियों के सामने घुटने टेक रही सेना, भारत के लिए क्‍यों है खतरे की घंटी, जानें

Updated on 18-04-2023 07:06 PM
इस्‍लामाबाद: आर्थिक संकट के बीच ही पाकिस्‍तान में आतंकवाद भी दिन पर दिन मजबूत होता जा रहा है। तहरीक-ए-तालिबान (टीटीपी) ने सरकार और देश की सुरक्षा एजेंसी की नाक में दम करके रखा है। आए दिन होने वाले आतंकी हमलों में कई लोगों की जान भी गई है। इन हमलों में मुख्‍यत: सुरक्षाकमियों और पुलिस के जवानों को निशाना बनाया जा रहा है। इसके बीच ही हर कोई बस यही सवाल जानना चाहता है कि जो स्थिति पाकिस्‍तान में इस समय है, उसका भारत पर कितना असर पड़ सकता है। यह सवाल ऐसे समय में और वाजिब हो जाता है जब पाकिस्‍तानी सेना भी टीटीपी के आगे घुटने टेक रही है। जब से अफगानिस्‍तान से अमेरिकी सेनाएं गई हैं तब से ही आतंकवाद मुल्‍क में मजबूत होता जा रहा है।
भारत पर पड़ा सबसे ज्‍यादा असर
भारतीय सेना के 15 कोर के कमांडर रहे लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) सैयद अता हसनैन ने एक आर्टिकल में लिखा है कि अफगानिस्‍तान-पाकिस्‍तान क्षेत्र में मौजूद आतंकियों की वजह से भारत को सबसे ज्‍यादा असर झेलना पड़ा है। अफगानिस्‍तान पाकिस्‍तान का बीहड़, खराब शिक्षा व्यवस्‍था, सीमित रोजगार के मौके, शासन का होना, फेल अर्थव्यवस्था और कट्टरपंथी विचारधारा जैसी वजहें आतंकवाद की समस्‍या में आग में घी का काम करती हैं। साल 2007 में जब लाल मस्जिद में पाकिस्‍तान की सेना दाखिल हुई उसके साथ ही देश में आतंकवाद ने भी कदम रख दिया। यह वह घटना थी जिसके तहत पूर्व सेना प्रमुख परवेज मुशर्रफ ने आतंकियों पर लगाम लगाने की कोशिश की थी। इसी घटना ने टीटीपी को भी जन्‍म दिया जो आज पाकिस्‍तान की सेना के लिए सिरदर्द बन चुका है।
लॉन्‍च किया गया जर्ब-ए-अज्‍ब
टीटीपी का मकसद पाकिस्तान में संघीय शासन जनजातीय क्षेत्रों और पड़ोसी खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में सरकार का प्रभाव खत्‍म करना था। साथ ही संगठन पूरे पाकिस्तान में शरिया कानून को सख्‍ती से लागू करना चाहता है। टीटीपी के की तरफ से सार्वजनिक तौर पर यह बयान कई बार दिया जा चुका है कि संगठन, पाकिस्तान में एक इस्लामिक खलीफा स्थापित करना चाहता है जिसके लिए सरकार को उखाड़ने की जरूरत है। साल 2014 से 2018 तक पाकिस्‍तान आर्मी की तरफ से ऑपरेशन जर्ब-ए-अज्‍ब चलाया गया था। जून 2014 में कराची एयरपोर्ट पर हुए आतंकी हमले के बाद इस ऑपरेशन को लॉन्‍च किया गया था। इसके बाद दिसंबर 2014 में पेशावर के आर्मी स्‍कूल पर हुए हमले ने स्थिति को और बिगाड़ दिया। यह हमला टीटीपी की तरफ से अंजाम दिया गया था। इसमें 133 बच्‍चों की मौत हो गई थी।
सच साबित हुआ डर
टीटीपी पूरी तरह से पाकिस्‍तान पर केन्द्रित हमले कर रहा है। पाकिस्‍तान ने अफगानिस्‍तान में तालिबान की वापसी पर खुशी जाहिर की थी। टीटीपी के आक्रामक रुख ने अब उस डर को सच साबित कर दिया है जिसकी आशंका जताई गई थी। अफगानिस्‍तान में यह संगठन अब अपने मुख्‍य संगठन तालिबान के साथ मिलकर काम कर सकता है। तालिबान ने साल 2021 के अंत में टीटीपी और पाकिस्‍तान के बीच एक महीने के युद्धविराम का ऐलान हुआ था। अफगानिस्तान में पाकिस्तानी सैन्य अधिकारियों और टीटीपी प्रतिनिधियों के बीच हफ्तों तक चली वार्ता के बाद यह समझौता हुआ था। इसकी मध्यस्थता अफगान तालिबान ने की थी। नवंबर 2022 में टीटीपी ने इस युद्धविराम समझौते को खत्‍म करने का ऐलान कर दिया। इसके बाद पाकिस्तान में टीटीपी हमलों की एक नई लहर देखी गई।
भारत पर कितना है खतरा
भारत वह देश रहा है जिसने पाकिस्‍तान समर्थित आतंकवाद का सामना सबसे पहले किया। सन् 1990 के दशक से ही पाकिस्‍तान की तरफ से आतंकी हमलों को अंजाम दिया गया। साथ ही कश्‍मीर घाटी को भी आतंकवाद ने काफी प्रभावित किया। जनरल सैयद अता हसनैन की मानें तो फिलहाल भारत पर टीटीपी की इस आक्रामकता का असर पड़ेगा, इसकी आशंका नहीं है। उनकी मानें तो टीटीपी का भारत पर कोई ध्यान नहीं है और अफगान तालिबान, भारत को दुश्मन नहीं मानता है। हालांकि, पाकिस्तानी सेना टीटीपी को बेअसर करने में मदद के लिए भारत केंद्रित आतंकी संगठनों जैसे लश्‍कर -ए-तैयबा की मदद ले सकती है। ऐसे में भारत में आतंकवाद की वापसी किसी न किसी तौर पर हो सकती है। इसलिए भारत को अपने आप को तैयार रखना होगा और यही अच्‍छा विकल्‍प रहेगा।

अन्य महत्वपुर्ण खबरें

 21 January 2025
पनामा सिटी: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अपने पहले भाषण में पनामा नहर पर नियंत्रण लेने की बात कहने पर पनामा के राष्ट्रपति ने कड़ा एतराज जताया है। पनामा प्रेसीडेंट…
 21 January 2025
तेलअवीव: अमेरिका में राष्‍ट्रपति बनते ही डोनाल्‍ड ट्रंप ऐक्‍शन में आ गए हैं। गाजा में सीजफायर और 3 बंधकों की रिहाई के बाद डोनाल्‍ड ट्रंप ने ऐलान किया है कि जल्‍द…
 21 January 2025
वॉशिंगटन: अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को शपथ ग्रहण समारोह में अंतरिक्ष क्षेत्र में अपने प्लान से जुड़ा अहम एलान किया है। ट्रंप ने अमेरिका को स्पेस विज्ञान…
 21 January 2025
बांग्लादेश में हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी की जमानत पर सोमवार को हाईकोर्ट में सुनवाई होने वाली थी लेकिन अब यह टल गई है। बांग्ला अखबार द डेली स्टार…
 21 January 2025
डोनाल्ड ट्रम्प ने सोमवार, 20 जनवरी को अमेरिकी संसद कैपिटल हिल में 47वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली। ट्रम्प ने सत्ता संभालते ही देश से लेकर विदेश तक अमेरिकी…
 21 January 2025
डोनाल्ड ट्रम्प राष्ट्रपति पद की लेने के बाद सेना के कमांडर-इन-चीफ स्वागत समारोह में शामिल हुए। इस दौरान ट्रम्प की पत्नी और फर्स्ट लेडी मेलानिया ट्रम्प भी उनके साथ पहुंचीं।…
 21 January 2025
डोनाल्ड ट्रम्प अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति बन गए हैं। उन्होंने भारतीय समयानुसार सोमवार रात 10:30 बजे अमेरिकी संसद कैपिटल हिल में पद की शपथ ली। सुप्रीम कोर्ट के जज जॉन…
 21 January 2025
डोनाल्ड ट्रम्प ने कल 20 जनवरी को अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली। भारत के विदेशमंत्री एस जयशंकर उनके शपथ ग्रहण कार्यक्रम में शामिल हुए। भारतीय प्रधानमंत्री…
 17 January 2025
ब्रिटिश प्रधानमंत्री बनने के बाद कीर स्टार्मर गुरुवार को पहली बार यूक्रेन की यात्रा पर पहुंचे। यहां उन्होंने यूक्रेन की राजधानी कीव में राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से मुलाकात की। दोनों…
Advt.