मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज स्मार्ट पार्क में बादाम, गूलर और सप्तपर्णी के पौधे लगाए। मुख्यमंत्री चौहान के साथ कबाड़ी वाला संस्था के सदस्यों ने भी पौध-रोपण किया। इस संस्था के 5 नगर में डेढ़ लाख से अधिक उपभोक्ता कबाड़ की सामग्री रीसायकल करने के लिए इस्तेमाल करते हैं। भोपाल नगर निगम के साथ मिल कर मटेरियल रिकवरी फेसिलिटी सेंटर भी संचालित किया जाता है। संस्था स्वच्छता के क्षेत्र में भी कार्य करती है। सामग्री को रीसायकल कर उसके प्रयोग के लिए लोगों को प्रोत्साहन देने का कार्य किया जा रहा है। संस्था को हाल ही में नई दिल्ली में पुरस्कृत भी किया गया है। पौध-रोपण में द कबाड़ीवाला संस्था के सदस्यों अनुराग असाटी, कविंद्र रघुवंशी, अमित चतुर्वेदी, समीर कारपेंटर और सुसोनिया नैन ने हिस्सा लिया।
मुख्यमंत्री चौहान के साथ इंदौर में कार्यरत सूचना प्रौद्योगिकी से जुड़े सदस्यों मलय दीक्षित, श्रीमती प्रियंका दीक्षित, गोपाल दीक्षित और श्रीमती मंजुला दीक्षित ने विवाह वर्षगाँठ पर पौध-रोपण किया। भोपाल के लेखक और पत्रकार कौशल किशोर चतुर्वेदी ने भी परिजन और मित्र गण के साथ पौध-रोपण में हिस्सा लिया।
पौधों का महत्व
आज लगाया गया बादाम एक मेवा है। तकनीकी दृष्टि से यह बादाम के पेड़ के फल का बीज है। बादाम के पेड़ में गुलाबी और श्वेत रंग के सुंगधित फूल लगते हैं। गूलर के फल अंजीर की तरह होते हैं, यह भी आयुर्वेद की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। सप्तपर्णी का पौधा सदाबहार औषधीय वृक्ष है, जिसका आयुर्वेद में बहुत महत्व है। इस पौधे का उपयोग विभिन्न औषधियों के निर्माण में किया जाता है।