राजधानी में उजागर हुए परिवहन घोटाले कांड की जांच हाईकोर्ट चीफ जस्टिस की निगरानी में कराई जाए। यह मांग एक प्रेस कांफ्रेंस में पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस से राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने की। उन्होंने प्रधानमंत्री के नाम एक पत्र लिखा और मीडिया के साथ साझा किया।
इसमें उन्होंने आरोप लगाया कि यह पीएम के उस वायदे के खिलाफ है, जिसमें वे भ्रष्टाचार के विरुद्ध ‘‘न खाऊंगा न खाने दूंगा’’ जैसी बातें अक्सर हर बड़े मंच से करते हैं। अब अमल करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मुख्य आरोपी सौरभ शर्मा ने संजय श्रीवास्तव, आरटीआई वीरेश तुमराम, पूर्व आरटीआई. दशरथ सिंह पटेल के साथ मिलकर पूरे प्रदेश में संचालित आरटीओ बैरियर पर वसूली का ठेका ले लिया।
उन्होंने कहा कि ये वसूली गैंग सीधे मंत्री के नियंत्रण में अफसरों के ट्रांसफर और पोस्टिंग कराया करते थे। इनके विश्वासपात्र प्राइवेट कटर चैकपोस्ट पर उगाही करके हिसाब अपने आकाओं तक पहुंचाया करते थे। दिग्विजय ने कहा कि पूर्व परिवहन मंत्री के खासमखास इन चारों को गिरफ्तार करके सख्ती से पूछताछ की जाए। इससे मनी लांड्रिंग की पूरी चेन सामने आ जाएगी।