खजुराहो के मेला मैदान पर होने वाले इस आयोजन में कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल भी उपस्थित रहेंगे। परियोजना के मूर्तरूप लेने पर बुंदेलखंड को जल संकट से छुटकारा मिलेगा, रोजगार के लिए हो रहे पलायन पर भी रोक लगेगी।
प्रधानमंत्री मोदी देश की पहली ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सौर परियोजना का लोकार्पण और 1153 अटल ग्राम सुशासन भवनों का भूमि-पूजन भी करेंगे। वह अटल जी की स्मृति में टिकट और सिक्का भी जारी करेंगे। बता दें कि केन-बेतवा लिंक राष्ट्रीय परियोजना देश में भूमिगत दाब युक्त पाइप सिंचाई प्रणाली अपनाने वाली सबसे बड़ी सिंचाई परियोजना है।
44,605 करोड़ की परियोजना से पन्ना टाइगर रिजर्व में केन नदी पर 77 मीटर ऊंचा व 2.13 किलोमीटर लंबाई के दौधन बांध और दो टनल का निर्माण कर बांध में 2,853 मिलियन घनमीटर जल का भंडारण किया जाएगा। बांध से 221 किमी लंबी लिंक नहर के द्वारा दोनों राज्यों में सिंचाई और पेयजल की सुविधा मिलेगी।
परियोजना से मध्य प्रदेश के 10 जिले पन्ना, दमोह, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, सागर, रायसेन, विदिशा, शिवपुरी एवं दतिया के दो हजार गांवों की 8.11 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई हो सकेगी।
वहीं, उत्तर प्रदेश के महोबा, झांसी, ललितपुर एवं बांदा जिलों में 59 हजार हेक्टेयर वार्षिक सिंचाई सुविधा प्राप्त होगी एवं 1.92 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में मौजूदा सिंचाई का स्थिरीकरण किया जाएगा। मध्य प्रदेश की 44 लाख एवं उत्तर प्रदेश की 21 लाख आबादी को पेयजल की सुविधा मिल सकेगी। परियोजना मध्यप्रदेश के छतरपुर और पन्ना जिले में केन नदी पर निर्मित की जा रही है।