बलरामपुर , बलरामपुर जिले के सनावल थाना क्षेत्र में रेत का अवैध खनन और परिवहन रोकने गए आरक्षक की ट्रैक्टर से कुचलकर हत्या कर दी गई थी। मामले में पुलिस ने चार आरोपियों को झारखंड के गढ़वा से गिरफ्तार किया है। घटना में शामिल अन्य लोगों की खोजबीन की जा रही है।
हाईकोर्ट ने आरक्षक की हत्या मामले में संज्ञान लिया है। DGP, खनिज सचिव और वन विभाग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
आरक्षक को ट्रैक्टर से कुचला था
सनावल थाना क्षेत्र के ग्राम लिबरा में 12 मई 2025 की रात करीब 11 बजे सनावल की पुलिस टीम और वन विभाग की टीम कनहर नदी पर रेत के अवैध उत्खनन की सूचना पर कार्रवाई के लिए पहुंची थी।
कार्रवाई के दौरान भाग रहे एक ट्रैक्टर को रोकने की कोशिश कर रहे आरक्षक शिव बचन सिंह को एक ट्रैक्टर चालक कुचलकर भाग निकला था। गंभीर रूप से घायल आरक्षक शिव बचन सिंह की रामानुजगंज लाने के दौरान मौत हो गई।
चार आरोपी झारखंड से पकड़े गए
मामले की जांच में जुटी सनावल पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा 103(1), 109, 121(1), 132, 221, 61(2), 3(5), 238, 249 एवं भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 33(1)(ख), 52 और खान एवं खनिज अधिनियम 1957 की धारा 04/21 के तहत मामला दर्ज किया था। पुलिस की 4 टीमें लगातार झारखंड में छापेमारी कर रही थी।
पुलिस ने मामले में आरोपी आरीफूल हक (24 वर्ष), जमील अंसारी (41 वर्ष), शकील अंसारी (22वर्ष), तीनों निवासी सेराजनगर, जिला गढ़वा (झारखंड) और अकबर अंसारी(50 वर्ष) निवासी अरसली, गढ़वा (झारखंड) को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 2 ट्रैक्टर जब्त किए हैं। अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है।
हाईकोर्ट ने लिया है संज्ञान
मामले को बिलासपुर हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान में लेकर सुनवाई करते हुए डीजीपी, खनिज सचिव और वन विभाग को नोटिस जारी किया है।
हाईकोर्ट ने कहा कि, अवैध खनन रोकने निर्देश के बाद यह हालत है, जो बहुत ही गंभीर बात है। स्टेट अफेयर्स की ऐसी हालत है। हाईकोर्ट की सख्ती के बाद पुलिस और वन विभाग ने रेत तस्करी रोकने ताकत झोंकी है।
पुलिस पर तस्करों के संरक्षण का आरोप
आरक्षक की ट्रैक्टर से कुचलकर हत्या के मामले में सरगुजा रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) दीपक कुमार झा ने सनावल थाना प्रभारी दिव्य कांत पांडेय को सस्पेंड कर दिया था।
लिबरा में अवैध रेत खनन की शिकायत ग्रामीणों से पुलिस ने की थी। पुलिस ने शनिवार की शाम 3 ट्रैक्टरों को पकड़ा भी था, जिन्हें दूसरे दिन छोड़ दिया गया। बताया गया है कि राजनैतिक संरक्षण के कारण पकड़े गए ट्रैक्टरों को छोड़ा गया था।
मंत्री नेताम ने की घटना की निंदा
मामला प्रदेश के कृषि मंत्री रामविचार नेताम के गृहक्षेत्र का है। क्षेत्र में होने वाले अवैध रेत खनन में उनके समर्थक भी आरोपों से बाहर नहीं हैं। ऐसे में घटना के तीन दिनों बाद मंत्री राम विचार नेताम का एक बयान बलरामपुर PRO द्वारा जारी किया गया है।
रामविचार नेताम के बयान में हादसे में मारे गए आरक्षक को पारिवारिक सदस्य की तरह बताया है। मंत्री नेताम के बयान के अनुसार उन्होंने मामले को लेकर मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव से मिलकर उन्हें घटना से अवगत कराया है।
नेताम ने बलरामपुर कलेक्टर और एसपी को निर्देश दिया है कि रेत माफियाओं और अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। उन्होंने झारखंड के अधिकारियों से समन्वय स्थापित कर रेत माफियाओं पर कार्रवाई के लिए कहा है।
डेढ़ दशक से रेत तस्करी का गढ़ बना इलाका
बलरामपुर का सरहदी इलाका डेढ़ दशक से रेत तस्करी का गढ़ बना हुआ है। सनावल क्षेत्र के दर्जनभर रेत घाटों से रेत उत्तरप्रदेश में भेजी जाती रही है। प्रदेश में सरकार बदलती रही, लेकिन रेत तस्करी नहीं रूकी।
उत्तरप्रदेश को जिन घाटों से रेत भेजी जाती थी, उनमें ज्यादा रेत नहीं बची तो झारखंड के तस्कर सक्रिय हुए। गढ़वा जिले में कई स्थानों पर तस्करों ने रेत के पहाड़ बना दिए हैं, जो छत्तीसगढ़ से निकाले गए रेत से बने हैं।