भारत में कितने फोन बनाने की है क्षमता
काउंटरपॉइंट रिसर्च (Counterpoint Research) के अनुसार, साल 2024 के अंत में भारत की वार्षिक मोबाइल फोन उत्पादन क्षमता 500 मिलियन यूनिट से अधिक थी। इसमें स्मार्टफोन, फीचर फोन और टैबलेट बनाने की क्षमता शामिल थी। इलेक्ट्रॉनिक इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ELCINA) का अनुमान 400-420 मिलियन यूनिट है।
कितने फोन बन रहे हैं
काउंटरपॉइंट और इंडस्ट्री एसोसिएशन ने ET को बताया कि भारत में इस समय सालाना केवल 250 मिलियन मोबाइल फोन का ही उत्पादन हो पा रहा है। इनमें से 200 मिलियन स्मार्टफोन और फीचर फोन घरेलू बाजार के लिए हैं, जबकि बाकी, ज्यादातर iPhone, निर्यात किए जाते हैं। भारत में मोबाइल फोन निर्माण मुख्य रूप से PLI-पात्र खिलाड़ियों जैसे डिक्सन टेक्नोलॉजीज, सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स, टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स और होन हाई (फॉक्सकॉन) द्वारा संचालित है।
एंट्री लेवल फोन की बिक्री घटी
रिसर्च फर्म CMR के अनुसार, 2024 की जुलाई-सितंबर की तिमाही के दौरान एंट्री लेवल फोन और फीचर फोन के शिपमेंट में साल-दर-साल के आधार पर 14% की गिरावट देखी गई। ऐसा मुख्य रूप से 4G फीचर फोन शिपमेंट में 46% की गिरावट के कारण हुआ। इस दौरान 2G फीचर फोन की बिक्री में भी 1% की गिरावट आई। इससे पता चलता है कि अब भारतीय अर्थव्यवस्था में बेसिक मोबाइल फोन की मांग तेजी से घटती जा रही है।
स्मार्टफोन शिपमेंट में भी बदलाव नहीं
सब समझ रहे थे कि फीचर फोन या एंट्री लेवल फोन की बिक्री घटी है तो स्मार्टफोन की बिक्री बढ़ गई होगी। लेकिन स्मार्टफोन शिपमेंट में कोई खास बदलाव नहीं हुआ। कोविड के बाद की दबी हुई मांग के कारण साल 2021 में 7% की सालाना वृद्धि देखी गई थी। लेकिन, उसके बाद, साल 2022 के दौरान स्मार्टफोन के शिपमेंट में 10% की गिरावट आई। साल 2023 में स्थिति में मामूल सुधार हुआ। शिपमेंट में महज 1% की वृद्धि हुई। IDC के अनुसार, 2024 में भी वॉल्यूम इसी तरह कम रहने की उम्मीद है।