बैंकॉक : कोरोना वायरस के नए वेरिएंट आर्कटुरस से पहली मौत दर्ज की गई है। दुनियाभर में इस वेरिएंट के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। थाईलैंड में एक बुजुर्ग मरीज ने कोरोना संक्रमित होने के बाद दम तोड़ दिया। स्वास्थ्य मंत्रालय में मेडिकल साइंसेज डिपार्टमेंट के डायरेक्टर-जनरल डॉ सुपाकित सिरिलक ने इसकी जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि 27 मामले सामने आ चुके हैं और जान गंवाने वाला 'विदेशी बुजुर्ग' अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझ रहा था। कोरोना का यह नया स्वरूप भारत, ब्रिटेन समेत अब तक 22 देशों में फैल चुका है।
डॉक्टर ने आगे बताया, 'बुजुर्ग मरीज की मृत्यु सीधे तौर पर इस सबवेरिएंट की गंभीरता को नहीं बल्कि अन्य जोखिम कारकों पर इसके प्रभाव पर दिखाती है।' आर्कटुरस, जो ओमीक्रोन का ही एक सबवेरिएंट है, पहली बार भारत में देखा गया था। यह मार्च के अंत से विश्व स्वास्थ्य संगठन की 'वॉचलिस्ट' में शामिल है। विशेषज्ञों का दावा है कि जल्द ही कोरोना का यह स्वरूप थाईलैंड का प्रमुख सबवेरिएंट बन जाएगा। 9 से 15 अप्रैल के बीच, थाईलैंड में पिछले हफ्ते की तुलना में वायरस से अस्पताल में भर्ती मरीजों की संख्या ढाई गुना अधिक थी। भारत में भी बढ़ रहे केस
भारत में भी कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। कई जगहों पर मास्क को अनिवार्य कर दिया गया है। रूस के हेल्थ वॉचडॉग Rospotrebnadzor ने मंगलवार को बताया कि उसने पहले कई मामलों का पता लगाया है और कहा कि इसमें संक्रामकता 'अधिक' हो सकती है। इसने अपने बयान में कहा, 'उच्च रोगजनकता इसकी विशेषता नहीं है। इसका मतलब है कि इसके कारण होने वाली बीमारी हल्के रूप में आगे बढ़ती है।' अमेरिका भी आर्कटुरस के खतरे का सामना कर रहा है।ओमीक्रोन से ज्यादा संक्रामक
अमेरिकी रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र ने कहा कि आर्कटुरस देश में 7 प्रतिशत कोरोना वायरस मामलों का कारण बन रहा है। मतलब यह ओमीक्रोन के बाद दूसरे नंबर पर है। इंडोनेशिया में आर्कटुरस सबवेरिएंट के पांच नए मामले दर्ज किए गए हैं। जीव विज्ञान अनुसंधान वेबसाइट BioRxiv पर प्रकाशित टोक्यो यूनिवर्सिटी के एक अध्ययन के अनुसार, नया वेरिएंट कथित तौर पर ओमीक्रोन की तुलना में 1.2 गुना अधिक संक्रामक है।