वैज्ञानिकों ने कहा कि इसका मतलब यह है कि अगर दुनिया में यह कोविड का घातक वेरिएंट बढ़ता है तो हम उसके लिए तैयार नहीं होंगे। ऐसे में इस वेरिएंट से बचने के हमें एक और सख्त प्रतिबंध लगाना पड़ सकता है। ऑक्सफर्ड वेरिएंट की रिपोर्ट के मुताबिक यूरोप में टेस्टिंग की दर साल 2022 की शुरुआत में गिरकर 1000 लोगों पर 613 हो गई थी जो अब बहुत ही कम हो गई है। दुनिया में अब तक 5 अरब लोगों को कोरोना का टीका लग चुका है। ये टीका कुछ ही महीने में संक्रमण को रोकने में कारगर है। हालांकि अभी भी 30 फीसदी लोग कोरोना की वैक्सीन से महरूम हैं।